1. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
समस्तपद समास
(1) नरसिंह (1)तत्पुरुष
(2)धूपदीप (II)अव्ययीभाव
(3)दानवीर (III)कर्मधारय
(4)आजन्म (IV)द्वंद्व
उपर्युक्त युग्मों को सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए :
(क) (1-II), (2-III), (3-1), (4-IV)
(ख) (1-IV), (2-1), (3-III), (4-II)
(ग) (1-III), (2-IV), (3-1), (4-II)
(घ) (1-1), (2-II), (3-IV), (4-III)
2. ‘मेघनाद’ समस्तपद के लिए सही समास-विग्रह और समास के नाम का चयन कर लिखिए :
(क) मेघ रूपी नाद वाला – तत्पुरुष
(ख) मेघ के समान नाद है जिसका – बहुव्रीहि
(ग) मेघ के समान नाद है जो – अव्ययीभाव
(घ) मेघ के समान नाद वाला – तत्पुरुष
3. निम्नलिखित में द्विगु समास का उपयुक्त उदाहरण छाँटकर लिखिए :
(क) घी-शक्कर
(ख) नवनिधि
(ग) पतझड़
(घ) मृगलोचन
4. ‘गिरिधर’ समस्तपद कौन-से समास का उदाहरण है ?
(क) द्विगु समास
(ख) तत्पुरुष समास
(ग) बहुव्रीहि समास
(घ) अव्ययीभाव समास
5. ‘चंद्रमुखी’ समस्तपद का विग्रह होगा –
(क) चंद्रमा के समान मुख वाली
(ख) चंद्रमा के समान मुख
(ग) चंद्र रूपी मुख
(घ) मुख रूपी चंद्र
6. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
समस्तपद समास
(1)तीव्र है बुद्धि जिसकी (1)द्विगु समास
(2)हाथ और पैर (II)कर्मधारय समास
(3)छह रसों का समाहार (III)बहुव्रीहि समास
(4)स्त्री रूपी रत्न (IV)द्वंद्व समास
उपर्युक्त युग्मों को सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए :
(क) (1-II), (2-III), (3-IV), (4-1)
(ख) (1-1), (2-11), (3-IV), (4-III)
(ग) (1-III), (2-IV), (3-1), (4-II)
(घ) (1-IV), (2-III), (3-II), (4-1)
7. ‘प्राणप्रिय’ समस्तपद के लिए सही समास-विग्रह और समास के नाम का चयन कर लिखिए :
(क) प्राणों के समान प्रिय है जो – बहुव्रीहि समास
(ख) प्राणों में प्रिय -अव्ययीभाव समास
(ग) प्राणों की प्रिय – – तत्पुरुष समास
(घ) प्राणों के समान प्रिय -कर्मधारय समास
8. निम्नलिखित में द्विगु समास का उपयुक्त उदाहरण छाँटकर लिखिए :
(क) पंजाब
(ख) निर्दय
(ग) तपोधन
(घ) महावीर
9. ‘जितेंद्रिय’ समस्तपद कौन-से समास का उदाहरण है ?
क. कर्मधारय समास
ख. तत्पुरुष समास
ग. अव्ययीभाव समास
घ. बहुव्रीहि समास
10. ‘लोकप्रिय’ समस्तपद का विग्रह होगा –
(क) लोक पर प्रिय
(ख) लोक में प्रिय
(ग) लोक से प्रिय
(घ) लोक है जो प्रिय
11. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
समस्तपद समास
(1)विचार में मग्न (1)तत्पुरुष समास
(2)नीली है जो गाय (II)बहुव्रीहि समास
(3)लव और कुश (III)कर्मधारय समास
(4)पाँच हैं आनन जिसके (IV) द्वंद्व समास
उपर्युक्त युग्मों को सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए :
(A) (1-II), (2-1), (3-IV), (4-III)
(B) (1-III), (2-1), (3-II), (4-IV)
(C) (1-IV), (2-III), (3-II), (4-1)
(D) (1-1), (2-III), (3-IV), (4-II)
12. ‘दशकंध’ समस्तपद के लिए सही समास-विग्रह और समास के नाम का चयन कर लिखिए :
(क) दस हैं कंधे जिसके – बहुव्रीहि समास
(ख) दस कंधों वाला – द्विगु समास
(ग) दस कंधे – द्विगु समास
(घ) दस कंधों का समाहार – कर्मधारय समास
13. निम्नलिखित में से तत्पुरुष समास का उदाहरण छाँटकर लिखिए :
(क) पीतांबर
(ख) महेश
(ग) प्रसंगानुकूल
(घ) यथासमय
14. ‘शिल्पकार’ शब्द किस समास का उदाहरण है ?
(क) तत्पुरुष समास
(ख) अव्ययीभाव समास
(ग) द्वंद्व समास
(घ) बहुव्रीहि समास
15. किस समास में उत्तर पद प्रधान होता है ?
(क) अव्ययीभाव समास
(ख) द्वंद्व समास
(ग) तत्पुरुष समास
(घ) बहुव्रीहि समास
16. ‘महाविभूति’ समस्त पद का उपयुक्त समास-विग्रह है –
(क) महान की विभूति
(ख) महान है जो विभूति
(ग) महान के लिए विभूति
(घ) महान से विभूति
17. बहुव्रीहि समास का उदाहरण है –
(क) पुस्तकालय
(ख) मेखलाकार
(ग) जनसंख्या
(घ) पंचानन
18. ‘दुःख-रात्रि’ का सही समास-विग्रह और भेद किस विकल्प में है ?
(क) दुःख रूपी रात्रि – कर्मधारय समास
(ख) दुःख और रात्रि – द्वंद्व समास
(ग) दुःखी समान रात्रि – कर्मधारय समास
(घ) दुःख समान रात्रि – तत्पुरुष समास
19. ‘हस्तलिखित’ समस्तपद का सही समास विग्रह है :
(क) हाथ पर लिखित
(ख) हाथ से लिखित
(ग) हाथ में लिखित
(घ) हाथ के लिखित
20. ‘महात्मा’ समस्तपद का सही समास-विग्रह और समास का नाम वाला विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) महान है जो आत्मा – कर्मधारय
(ख) महान है आत्मा जिसकी – कर्मधारय
(ग) महान आत्मा – बहुव्रीहि
(घ) महान आत्मा है जो – बहुव्रीहि
Answer key
1. (1-III), (2-IV), (3-1), (4-II)
2. मेघ के समान नाद है जिसका – बहुव्रीहि
3.नवनिधि
4.बहुव्रीहि समास
5.चंद्रमा के समान मुख वाली
6. (1-III), (2-IV), (3-1), (4-II)
7.प्राणों के समान प्रिय -कर्मधारय समास
8.पंजाब
9.बहुव्रीहि समास
10.लोक में प्रिय
11.(1-1), (2-III), (3-IV), (4-II)
12.दस हैं कंधे जिसके – बहुव्रीहि समास
13.प्रसंगानुकूल
14.तत्पुरुष समास
15.तत्पुरुष समास
16.महान है जो विभूति
17.पंचानन
18.दुःख रूपी रात्रि – कर्मधारय समास
19.हाथ से लिखित
20.महान है जो आत्मा – कर्मधारय

Leave a comment