पर्वत प्रदेश में पावस GRADE -10 पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
1.पावस ऋतु थी, पर्वत प्रदेश,
पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश ।
अवलोक रहा है बार-बार
नीचे जल में निज महाकार,
मेखलाकार पर्वत अपार
जिसके चरणों में पला ताल
अपने सहस्त्र दृग-सुमन फाड़,
दर्पण-सा फैला है विशाल है!
(1) पद्यांश में किस ऋतु का वर्णन किया गया है?
(क) शरद ऋतु का
(ख) ग्रीष्म ऋतु का
(ग) वर्षा ऋतु का
(घ) वसंत ऋतु का
(2) पर्वत किस आकार का है?
(क) माला के आकार का
(ख) करधनी के आकार का
(ग) त्रिशूल के आकार का
(घ) सूरज के आकार का
(3) पर्वत के चरणों में स्थित ताल की तुलना किससे की है?
(क) सूर्य से
(ख) रेगिस्तान से
(ग) दर्पण से
(घ) समुद्र से
4.(l)पर्वतीय क्षेत्र है और गरमी की ऋतु है।
(ii) प्रकृति पल-पल में अपना रूप बदल रही है।
(iii) पर्वत पर फूल नहीं खिले हैं।
(iv) पर्वत की तलहटी में एक तालाब है।
(v) पर्वतमाला दूर-दूर तक फैली है।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए
(क) (i), (ii) और (iv)
(ख) (ii), (iv) और (v)
(ग) (i), (iv) और (v)
(घ) (ii), (iii) और (iv)
5. पर्वतों की आँखें किसे कहा गया है?
(क) दर्पण को
(ख) ताल को
(ग) पुष्पों को
(घ) मेखला को
Answer
1. वर्षा ऋतु का
2. करधनी के आकार का
3. दर्पण से
4. (ii), (iv) और (v)
5. पुष्पों को
2.उड़ गया, अचानक लो, भूधर
फड़का अपार पारद के पर !
रव-शेष रह गए हैं निर्झर !
है टूट पड़ा भू पर अंबर !
धँस गए धरा में सभय शाल !
उठ रहा धुआँ, जल गया ताल !
– यों जलद-यान में विचर-विचर था इंद्र खेलता इंद्रजाल !
I. पद्यांश के अनुसार, अचानक कौन उड़ गया?
(क) हंस
(ख) पर्वत
(ग) मोर
(घ) बादल
II. अंबर कहाँ टूट पड़ा?
(क) पर्वत पर
(ख) समुद्र पर
(ग) धरती पर
(घ) वृक्षों पर
III. शाल के वृक्ष किससे भयभीत होकर धरा में धँस गए हैं?
(क) तेज हवा से
(ख) प्रकृति का भयानक रूप देखकर
(ग) भूकंप से
(घ) बाढ़ से
IV. ‘इंद्रजाल’ कौन खेल रहा है?
(क) बादल
(ख) सूरज
(ग) इंद्र
(घ) वरुण
V. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
(i) बादल पर्वत को ढक लेते हैं।
(ii) नदी कल-कल करती हुई बह रही है।
(iii) झरनों की केवल आवाज सुनाई दे रही है
(iv) बादलों ने पीपल के वृक्षों को ढक लिया है
(v) पर्वत प्रदेश में इंद्र देवता बादल रूपी यान पर सवार होकर इंद्रजाल का खेल खेल रहे हैं
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए-
(क) (i), (iii), (v)
(ख) (ii), (iii), (v)
(ग) (ii), (iv), (v)
(घ) (i), (iii), (iv)
VI. ‘भूधर के उड़ जाने’ का आशय :
(a) उसके पंछी समान उड़ने से है
(b) उसके अदृश्य हो जाने से है
(c) उसके बादलों के साथ चले जाने से है
(d) उसके बादलों के पंख लगाने से है
VII. है टूट पड़ा भू पर अंबर’ – पंक्ति में क्या कल्पना की गई है ?
(a) अंबर ने धरती पर बाणों की वर्षा शुरू कर दी
(b) अंबर ने धरती पर मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी
(c) अंबर ने बादलों रूपी सेना द्वारा भूमि पर आक्रमण कर दिया
(d) अंबर बादलों की गड़गड़ाहट के साथ धरती पर गिर पड़ा
VIII. शाल के वृक्षों के भयभीत होने का कारण इनमें से क्या नहीं है ?
(a) आसमान से मूसलाधार वर्षा
(b) तालाबों का जलना
(c) चारों तरफ उठता धुआँ
(d) बादलों की गड़गड़ाहट
IX. प्रस्तुत काव्यांश में किस ऋतु में कहाँ के सौंदर्य का वर्णन किया गया है ?
(a) वर्षा ऋतु में मैदानी भागों के सौंदर्य का
(b) वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश के सौंदर्य का
(c) वसंत ऋतु में तटीय प्रदेश के सौंदर्य का
(d) वसंत ऋतु में पर्वतीय प्रदेश के सौंदर्य का
X. प्रस्तुत काव्यांश में किसका मानवीकरण किया गया है ?
(a) पर्वतों का
(b) अंबर का
(c) वृक्षों का
(d) प्रकृति का
(xi)’भूधर‘ के उड़ने से क्या अभिप्राय है?
(A) पर्वतों के पंख लगना
(B) पर्वतों का अदृश्य होना
(C) पर्वतों का बादलों के पार जाना
(D) पर्वतों का आकाश की ऊँचाई को छूना
(xii) ‘भूधर‘ किसके पंख लगाकर उड़ गए?
(A) बादलों के
(B) कल्पना के
(C) बारिश के
(D)कोहरे के
(xiii) ‘रव-शेष रह गए हैं निर्झर‘ का आशय है:
(A) केवल झरने दिखाई दे रहे हैं
(B) केवल झरनों की ध्वनि शेष रह गई है
(C) वृक्षों का अस्तित्व नष्ट हो गया है
(D) पर्वतों का अस्तित्व नष्ट हो गया है
(xiv) ‘है टूट पड़ा भू पर अंबर‘ पंक्ति में अंबर के टूटने से क्या अभिप्राय है?
(A) आकाश का धरती पर आक्रमण करना
(B) आकाश द्वारा धरती पर मूसलाधार वर्षा करना
(C) आकाश द्वारा धरती पर बिजली गिराना
(D) आकाश का टूट कर धरती पर आ गिरना
(xv) काव्यांश में इंद्रजाल किसे कहा गया है?
(A) पावस ऋतु में प्रकृति के पल-पल परिवर्तित रूप को
(B) इंद्र के बादलों रूपी यान पर विचरण करने को
(C) शाल के वृक्षों के गहरी खाई में छिप जाने को
(D) तालाबों के चारों तरफ उड़ते घने धुएँ को
ANSWER
I. पर्वत
II. धरती पर
III. प्रकृति का भयानक रूप देखकर
IV. इंद्र
V. (i), (iii), (v)
VI. उसके अदृश्य हो जाने से है
VII. अंबर ने धरती पर मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी
VIII. तालाबों का जलना
IX. वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश के सौंदर्य का
X. प्रकृति का
- (B) पर्वतों का अदृश्य होना
- (A) बादलों के
- (B) केवल झरनों की ध्वनि शेष रह गई है
- (B) आकाश द्वारा धरती पर मूसलाधार वर्षा करना
- (A)पावस ऋतु में प्रकृति के पल-पल परिवर्तित रूप को
3. गिरि का गौरव गाकर झर-झर
मद में नस-नस उत्तेजित कर
मोती की लड़ियों से सुन्दर
झरते हैं झाग भरे निर्झर !
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंता पर।
1. पर्वतों का गौरवगान कौन करता है?
(क) बादल
(ख) वृक्ष
(ग) झरने
(घ) आकाश
2. झरते हुए झरनों को क्या कहा गया है?
(क) बिजली की लड़ियाँ
(ख) तारों की लड़ियाँ
(ग) फूलों की लड़ियाँ
(घ) मोतियों की लड़ियाँ
3. ‘गिरि का गौरव गाकर झर-झर’ पंक्ति में झरने के ‘झर-झर’ स्वर में कवि ने क्या कल्पना की है? ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के आधार पर लिखिएः
(क) बादलों की गड़गड़ाहट की
(ख) झरनों की कल-कल करती मधुर ध्वनि की
(ग) पक्षियों के कलरव की जुगल-बंदी की
(घ) पर्वत के गौरव-गान की
4. ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के आधार पर लिखिए कि झरने क्या कर रहे हैं ?
(क) आकाश की ऊँचाई की ओर झाँक रहे हैं।
(ख) पर्वतों के यश का गुणगान कर रहे हैं।
(ग) पर्वतों की सुषमा में अभिवृद्धि कर रहे हैं।
(घ) तालाबों में अपना प्रतिबिंब निहार रहे हैं।
5. पर्वत के हृदय से उठकर वृक्ष किसको देख रहे हैं?
(क) धरती को
(ख) झरनों को
(ग) आकाश को
(घ) मनुष्यों को।
6. गिरिवर के उर से उठकर तरुवर आकाश की ओर क्यों झाँक रहे हैं?
(क) उन्हें आकाश की ओर देखना अच्छा लगता है।
(ख) वे आकाश की तरह ऊँचा उठना चाहते हैं।
(ग) वे आकाश को छूना चाहते हैं।
(घ) वे सीधे खड़े रहना चाहते हैं।
7. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
(क) उच्चाकांक्षा का अर्थ पहाड़ की तरह ऊँचा उठना होता है।
(ख) उच्चाकांक्षा का अर्थ हिमालय की तरह ऊँचा उठना होता है।
(ग) उच्चाकांक्षा का अर्थ पेड़ की तरह ऊँचा उठना होता हैं।
(घ) उच्चाकांक्षा का अर्थ ऊँचा उठने की कामना करना होता है।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए-
(क) केवल (I)
(ख) केवल (II)
(ग) केवल (III)
(घ) केवल (IV)
(8)झरने पर्वतों के यश का गुणगान क्यों कर रहे हैं?
(A) प्रसन्नता अभिव्यक्त करने के लिए
(B) उनका आभार प्रकट करने के लिए
(C) पर्वतों की महानता दर्शाने के लिए
(D) जोश, उमंग, उत्साह प्रकट करने के लिए
(9)’मद में नस-नस उत्तेजित कर‘ पंक्ति के संदर्भ में बताइए, किसकी नस-नस मद में उत्तेजित होने की बात कही जा रही है ?
(A) कवि की
(B) पर्वतों की
(C) झरनों की
(D) वृक्षों की
(10)पर्वतों पर लगे वृक्ष किसे छूना चाहते हैं?
(A) आकाश की ऊँचाई को
(B) पर्वतों की ऊँची चोटी को
(C) पर्वतों की गहराई को
(D) झरनों के सौंदर्य को
(11)पर्वत शिखरों पर लगे वृक्षों के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
I. वृक्ष पर्वतों के हृदय में उठने वाली उच्चाकांक्षाओं के मूर्त रूप हैं।
II. वृक्ष साधकों की भाँति गंभीर चिंतन में लीन हैं।
III.वृक्ष अनहोनी की आशंका से आकाश की ओर झाँक रहे हैं।
IV. वृक्ष वर्षा की आशा से आकाश की ओर ताक रहे हैं।
विकल्प :
(A) केवल I
(B) केवल III
(C) I और II दोनों
(D) III और IV दोनों
(12) काव्यांश के संदर्भ में ‘अनिमेष‘ शब्द का अर्थ निम्नलिखित में से नहीं है:
(A) एकटक
(B) निरंतर
(C) स्थिर दृष्टि
(D) निर्लिप्त
ANSWER
1. झरने
2. मोतियों की लड़ियाँ
3. पर्वत के गौरव-गान की
4. पर्वतों के यश का गुणगान कर रहे हैं।
5. आकाश को
6. वे आकाश की तरह ऊँचा उठना चाहते हैं।
7. केवल (IV)
8.(B)उनका आभार प्रकट करने के लिए
9.(C)झरनों की
10.(A)आकाश की ऊँचाई को
11.(C)(I) और(II) दोनों
12.(D)निर्लिप्त
4.धँस गए धारा में सभय शाल !
उठ रहा धुआँ, जल गया ताल !
यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल
1. शाल के वृक्ष किससे भयभीत होकर धरती में धँस गए हैं?
(क) पृथ्वी के घूमने से
(ख) भूकम्प आने से
(ग) वर्षा के भयंकर रूप को देखकर
(घ) पर्वतों के दरकने से
2. ‘जलद यान’ का क्या अर्थ है?
(क) वर्षा रूपी विमान
(ख) पर्वत रूपी विमान
(ग) जल रूपी विमान
(घ) बादल रूपी विमान
3. कविता का नाम बताइए –
(क) मनुष्यता
(ख) पर्वत प्रदेश
(ग) पर्वत प्रदेश में पावस
(घ) पावस ऋतु
4. ‘भूधर’ के उड़ने से क्या अभिप्राय है ?
(क) पर्वतों का अदृश्य होना
( ख) पर्वतों का बादलों के पार जाना
(ग ) पर्वतों का आकाश की ऊँचाई को छूना
(घ) पर्वतों के पंख लगना
5. ‘भूधर’ शब्द का क्या अर्थ है ?
(क) धरती
(ख) पहाड़
(ग) बादल
(घ) गगन
ANSWER
1.वर्षा के भयंकर रूप को देखकर
2.बादल रूपी विमान
3.पर्वत प्रदेश में पावस
4.पर्वतों का अदृश्य होना
5.बादल

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