पतझर में टूटी पत्तियाँ CBSE कक्षा 10 हिंदी ( स्पर्श भाग -2) पुस्तक से बहुविकल्पीय प्रश्न। पतझर में टूटी पत्तियाँ MCQ पठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न-उत्तर |
1.’स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग़ का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है| यही कारण हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है| यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है| कोई बोलता नहीं, बकता है| हम जब अकेले पड़ते हैं, तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे| एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में पूरा करने की कोशिश करने लगे| वैसे भी दिमाग़ की रफ़्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं। अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में| असल में दोनों ही काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया ही नहीं है| हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए | चाय पीते-पीते उस दिन दिमाग से भूत और भविष्य दोनों ही काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था। और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था|
१-गद्यांश में मानसिक रोगों के बढ़ने का कारण क्या बताया गया है:
1.अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करना |
2.तेज़ रफ़्तार से दौड़ते दिमाग का तनाव |
3.सामर्थ्य से अधिक कार्य करने का दबाव ||
4.खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहना |
२-जीवन की रफ़्तार बढ़ने का अर्थ है:-
1.प्रतियोगी होना |
2.दूसरों को हराना |
3.तीव्र गति से कार्य का निष्पादन करना |
4.जल्दी बूढ़ा होना |
३-‘दोनों ही काल मिथ्या हैं’: इसका तात्पर्य है:-
1.समय सदा सत्य नहीं रहता |
2.दोनों ही काल झूठे हैं।
3.व्यक्ति का नियंत्रण केवल वर्तमान पर रहता है |
4.व्यक्ति को खट्टी-मीठी यादों में नहीं रहना चाहिए|
(4)दिमाग पर स्पीड का इंजन क्यों लगाया जाता है::-
1.अमेरिका से प्रतिस्पर्धा के लिए|
2.दौड़ने की गति बढ़ाने के लिए|
3.दिमाग की स्पीड बढ़ाने के लिए|
3.दिमाग को तनावमुक्त रख अधिक कार्य करने के लिये |
(5)अनंतकाल के विस्तृत होने का क्या कारण था::-
1.समय व्यतीत नहीं हो पाने के कारण |
2.लेखक के बोर होने के कारण |
3.लेखक केवल वर्तमान के बारे में ही सोच पा रहा था |
4.क्योंकि आकाश का दूसरा नाम अनंत है |
ANSWER
1. तेज़ रफ़्तार से दौड़ते दिमाग का तनाव |
2. तीव्र गति से कार्य का निष्पादन करना |
3. व्यक्ति का नियंत्रण केवल वर्तमान पर रहता है |
4. दिमाग की स्पीड बढ़ाने के लिए|
5. लेखक केवल वर्तमान के बारे में ही सोच पा रहा था |
2.वह एक छः मंजिला इमारत थी जिसकी छत पर दफ्ती की दीवारोवाली और तातामी (चटाई) की ज़मीनवाली एक सुंदर पर्णकुटी थी। बाहर बेढ़ब-सा एक मिट्टी का बरतन था। उसमें पानी भरा हुआ था। हमने अपने हाथ पाँव इस पानी से धोए। तौलिए से पोंछे और अंदर आ गए। अंदर ‘चाजीन’ बैठा था। हमें देखकर वह खड़ा हुआ। कमर झुकाकर उसने हमें प्रणाम किया। दो… झो… (आइए, तशरीफ लाइए) कहकर स्वागत किया। बैठने की जगह हमें दिखाई। अँगीठी सुलगाई। उस पर चायदानी रखी। बगल के कमरे में जाकर कुछ बर्तन ले आया। तौलिए से बर्तन साफ किए सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से कीं कि उसकी हर भंगिमा से लगता था मानों जयजयवंती के सुर गूँज रहे हों। वहाँ का वातावरण इतना शांत था कि चायदानी के पानी का खदबदाना भी सुनाई दे रहा था।
(1) इमारत मे मंजिले थी-
(क) पाँच
(ख) छः
(ग) सात
(घ)आठ
(2) पर्णकुटी की दीवारे थी-
(क) ईटो की
(ख) पत्थर की
(ग) काँच की
(घ) दफ़्ती की
(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A) चायदानी के पानी का खदबदाना सुनाई दे रहा था
कारण (R) आस-पास का वातावारण बहुत शांत था। (क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनो ही गलत है
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनो सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
(4) चाय बनाने की प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं है-
(क) अँगीठी सुलगाना
(ख) अँगीठी पर चायदानी रखना
(ग) तौलिए से बर्तन साफ करना
(घ) दूध उबालना
(5) ‘चाजीन’ ने सभी क्रियाएँ की थी-
(क) गरिमापूर्ण ढंग से
(ख) असभ्यतापूर्वक
(ग) अनमने ढंग से
(घ) जल्दबाजी से
ANSWER
1.छः
2.दफ़्ती की
3.कथन (A) तथा कारण (R) दोनो सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है
4.दूध उबालना
5.गरिमापूर्ण ढंग से
4. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए – जापान में मैंने अपने एक मित्र से पूछा, “यहाँ के लोगों को कौन सी बीमारियाँ अधिक होती हैं?” “मानसिक”, उसने जवाब दिया, “यहाँ के अस्सी फीसदी लोग मनोरुग्ण हैं।” “इसकी क्या वजह है?” कहने लगे, “हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आपसे लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग की रफ़्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे ‘स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हजार गुना अधिक रफ्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है।….. यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं।….”
शाम को वह मुझे एक ‘टी-सेरेमनी’ में ले गए। चाय पीने की यह एक विधि है। जापानी में उसे चा-नो-यू कहते हैं। वह एक छः मंजिली इमारत थी जिसकी छत पर दफ़्ती की दीवारोंवाली और तातामी (चटाई) की ज़मीनवाली एक सुंदर पर्णकुटी थी। बाहर बेढब-सा एक मिट्टी का बर्तन था। उसमें पानी भरा हुआ था। हमने अपने हाथ-पाँव इस पानी से धोए। तौलिए से पोंछे और अंदर गए। अंदर ‘चानीज़’ बैठा था। हमें देखकर वह खड़ा हुआ। कमर झुका कर उसने हमें प्रणाम किया। दो….झो… (आइए, तशरीफ़ लाइए) कहकर स्वागत किया। बैठने की जगह हमें दिखाई। अँगीठी सुलगाई। उस पर चायदानी रखी। बगल के कमरे में जाकर कुछ बरतन ले आया। तौलिए से बरतन साफ किए। सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से कीं कि उसकी हर भंगिमा से लगता था मानो जयजयवंती के सुर गूँज रहे हों। वहाँ का वातावरण इतना शांत था कि चायदानी के पानी का खदबदाना भी सुनाई दे रहा था।
प्रश्न 1: गद्यांश के अनुसार जापान के लोग कौन सी बिमारी से ग्रस्त हैं –
(क) मानसिक
(ख) प्रतिस्पर्द्धा
(ग) शारीरिक
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2: जापान के लोगों के मनोरुग्ण होने की क्या वजह है –
(क) जीवन की रफ़्तार का बढ़ना
(ख) एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश करना
(ग) अमेरिका से प्रतिस्पर्धा में लगे रहना
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3: निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।
कथन (A) – वैसे भी दिमाग की रफ़्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे ‘स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हजार गुना अधिक रफ्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है। यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं। ….”
कारण (R) – दिमाग भले ही हर वक्त गतिशील अवस्था में होता है परन्तु उसे भी आराम की जरुरत होती है। जापान के लोग जरुरत से ज्यादा ही दिमाग का उपयोग कर रहे हैं जिस कारण उन्हें मानसिक बीमारियों को झेलना पड़ रहा है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 4: जापानी में चा-नो-यू किसे कहते हैं –
(क) किसी विशेष का नाम
(ख) मनोवैज्ञानिक इलाज
(ग) टी-सेरेमनी
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5: गद्यांश के अनुसार ‘टी-सेरेमनी‘ की क्या ख़ास बातें बताई गई –
(क) तातामी की ज़मीनवाली एक सुंदर पर्णकुटी के बाहर बेढब से मिट्टी के बर्तन से पानी निकाल कर
हाथ-पाँव धोकर अंदर गए
(ख) वहाँ का वातावरण इतना शांत था कि चायदानी के पानी का खदबदाना भी सुनाई दे रहा था
(ग) सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से कीं कि चानीज़ की हर भंगिमा से लगता था मानो जयजयवंती
के सुर गूँज रहे हों
(घ) उपरोक्त सभी
(6)‘झेन की देन’ पाठ के संदर्भ में लिखिए कि मनोरुग्णता से बचाव कैसे किया जा सकता है?
(a) अमेरिका जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा-भावना का त्याग करके ।
(b) अमेरिका जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा में आगे निकल कर ।
(c) अतीत और भविष्य की चिंता छोड़ वर्तमान में जी कर ।
(d) वर्तमान की चिंता त्याग अतीत और भविष्य में जी कर ।
ANSWER
1.मानसिक
2.उपरोक्त सभी
3.कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
4.टी-सेरेमनी
5. उपरोक्त सभी
6.अतीत और भविष्य की चिंता छोड़ वर्तमान में जी कर ।
5. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
चाय तैयार हुई। उसने वह प्यालों में भरी। फिर वे प्याले हमारे सामने रख दिए गए। वहाँ हम तीन मित्र ही थे। इस विधि में शांति मुख्य बात होती है। इसलिए वहाँ तीन से अधिक आदमियों को प्रवेश नहीं दिया जाता। प्याले में दो घूँट से अधिक चाय नहीं थी। हम ओठों से प्याला लगाकर एक-एक बूँद चाय पीते रहे। करीब डेढ़ घंटे तक चुसकियों का यह सिलसिला चलता रहा। पहले दस-पंद्रह मिनट तो मैं उलझन में पड़ा। फिर देखा दिमाग की रफ़्तार धीरे-धीरे धीमी पड़ती जा रही है। थोड़ी देर में बिलकुल बंद भी हो गई। मुझे लगा, मानो अनंतकाल में मैं जी रहा हूँ। यहाँ तक की सन्नाटा भी मुझे सुनाई देने लगा। अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यकाल में। असल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत-भविष्य दोनों काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था। और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था।जीना किसे कहते है, उस दिन मालूम हुआ। झेन परंपरा की यह बड़ी देन मिली है जापानियों को !
प्रश्न 1. जापान के लोग ‘टी-सेरेमनी’ क्यों करते हैं –
(क) मानसिक शांति के लिए
(ख) प्रतिस्पर्द्धा की तैयारी के लिए
(ग) शारीरिक बल बढ़ाने के लिए
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2. ‘टी-सेरेमनी‘ की मुख्य बात क्या है –
(क) चाय की तैयारी
(ख) शांति
(ग) प्याले में दो घूँट से अधिक चाय न होना
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3: निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।
कथन (A) – हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यकाल में। असल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है।
कारण (R) – अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 4: चाए पीते-पीते लेखक ने क्या महसूस किया – –
(क) लेखक के दिमाग से भूत-भविष्य दोनों काल उड़ गए थे
(ख) लेखक के सामने केवल वर्तमान क्षण था
(ग) लेखक को वह वर्तमान काल अनंतकाल जितना विस्तृत लग रहा था
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5: गद्यांश के अनुसार जापानियों को क्या देन मिली है –
(क) झेन परंपरा की देन
(ख) टी-सेरेमनी की देन
(ग) मानसिक शांति को बनाए रखने की देन
(घ) उपरोक्त सभी
ANSWER
1.मानसिक शांति के लिए
2.शांति
3.कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
4.उपरोक्त सभी
5.झेन परंपरा की देन

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