“Class 10 Hindi B Samaas Explained with Examples – CBSE 2025” “Chapter-wise Samaas Notes for Class 10 Hindi B”
मीरा के पद
- नरहरि – नर रूपी हरि (कर्मधारय समास)
- गिरिधर–गिरि को धारण करने वाला है जो अर्थात श्रीकृष्ण (बहुव्रीहि समास)
- पीतांबर – पीला है जो अंबर (कर्मधारय समास)
- पीले है अंबर जिसकेअर्थात श्रीकृष्ण (बहुव्रीहि समास)
- गजराज– गज का राजा अर्थात ऐरावत ( बहुव्रीहि समास)
मनुष्यता
- सुमृत्यु- अच्छी है जो मृत्यु (कर्मधारय समास)
- अस्थि -जाल– अस्थियों का जाल (तत्पुरुष समास)
- शरीर- चर्म –शरीर का चर्म (तत्पुरुष समास)
- दया -प्रवाह–दया का प्रभाव (तत्पुरुष समास)
- मदांध– मद से अंधा (तत्पुरुष समास)
- भाग्यहीन–भाग्य से हीन (तत्पुरुष समास)
- फलानुसार –फल के अनुसार ( तत्पुरुष समास)
- महाविभूति –महान है जो विभूति (कर्मधारय समास)
- पशु -प्रवृत्ति–पशु जैसी प्रवृत्ति (कर्मधारय समास)
- सहर्ष–हर्ष के साथ (अव्ययीभाव समास)
- अखंड़– न खंड (नञ् तत्पुरुष समास)
- परार्थ–दूसरों के लिए (तत्पुरुष समास)
- त्रिलोकनाथ–तीनों लोकों के स्वामी अर्थात ईश्वर ( बहुव्रीहि समास)
- अपंक– न पंक (नञ्–तत्पुरुष समास)
- दीनबंधु– दीनों का बंधु अर्थात ईश्वर (बहुव्रीहि समास)
- परोपकार–दूसरों पर उपकार ( तत्पुरुष समास)
- पुराणपुरुष–पुराण है जो पुरुष (कर्मधारय समास)
- अतर्क – न तर्क ( नञ् तत्पुरुष
- करस्थ- –हाथ में स्थित –( तत्पुरुष समास)
पर्वत प्रदेश में पावस
- पर्वत प्रदेश–पर्वतों का प्रदेश (तत्पुरुष समास)
- पल-पल–हर एक पल (अव्ययीभाव समास)
- प्रकृति-वेश– प्रकृति का वेश (तत्पुरुष समास)
- मेखलाकार -मेखला के सामान आकार(कर्मधारय समास)
- दृग –सुमन–सुमन रूपी आंखें (कर्मधारय समास)
- महाकार–महान है जो आकार (कर्मधारय समास)
- उच्चाकांक्षा–ऊँची है जो आकाक्षा (कर्मधारय समास)
- सभय– भय के साथ (अव्ययीभाव समास)
- जलद-यान- जलद रूपी यान (कर्मधारय समास)
- इंद्रजाल–इंद्र का जाल (तत्पुरुष समास)
- नस–नस –प्रत्येक नस (अव्ययीभाव समास)
तोप
- सुबह शाम – सुबह और शाम (द्वंद्व समास)
- घुड़सवारी– घोड़े पर सवारी(तत्पुरुष समास)
- अच्छे-अच्छे –बहुत अच्छे (अव्ययीभाव समास)
कर चले हम फ़िदा
- जानो-तन – जान और तन (द्वंद्व समास)
- हिमालय-हिम का आलय(तत्पुरुष समास)
- हुश्न-इश्क- हुश्न और इश्क (द्वंद्व समास)
- राम-लक्ष्मण – राम और लक्ष्मण(द्वंद्व समास)
आत्मत्राण
- दुःख-ताप – दुःख से ताप (तत्पुरुष समास)
- बल -पौरुष = बल और पौरुष(द्वंद्व समास)
- दुःख-रात्रि -दुःख रूपी रात्रि (कर्मधारय)
- अनुदिन–हर- दिन (अव्ययीभाव समास)
- रोग रहित- रोग से रहित (तत्पुरुष समास)
- निर्भय- भाय से रहित (अव्ययीभाव समास)
- नत शिर=नत है जो शिर (कर्मधारय)
- छिन-छिन= हर पल (अव्ययीभाव समास)
बड़े भाई साहब
- चारदीवारी -चार दीवारों का समूह (द्विगु समास)
- मोटरगाड़ी– मोटर से चलने वाली गाड़ी (तत्पुरुष समास)
- रात-दिन–रात और दिन (द्वंद्व समास)
- उम्र-भर( पूरी उम्र अव्ययीभाव समास)
- सूक्ति-बाण –सूक्ति रूपी बाण (कर्मधारय समास)
- उपदेश -कला –उपदेश की कला (तत्पुरुष समास)
- रुद्र-रूप–रुद्र है जो रूप (कर्मधारय समास)
- टाइम-टेबल –टाइम का टेबल (तत्पुरुष समास)
- मोहमाया – मोह और माया (द्वंद्व समास)
- आत्मसम्मान –आत्म का सम्मान (तत्पुरुष समास)
- नामोनिशान –नाम और निशान ( द्वंद्व समास)
- बुद्धिविकास –बुद्धि का विकास ( तत्पुरूष समास)
- उपदेश-माला –उपदेशों की माला (तत्पुरुष समास)
- भयभीत –भय से भीत (तत्पुरुष समास)
- अरुचि –न रुचि ( नञ् तत्पुरुष
- कांतिहीन –कांति से हीन (तत्पुरुष समास)
- आकाशगामी –आकाश में गमन करने वाला (तत्पुरुष समास)
- अप्रिय– न प्रिय ( नञ् तत्पुरुष
- अनुचित –न उचित ( नञ् तत्पुरुष
- बेतहाशा – (बुरी तरीके से) अव्ययीभाव समास
- हेडमास्टर –हेड है जो मास्टर (कर्मधारय समास)
- बेराह–बिना राह के (अव्ययीभाव समास)
- नतमस्तक–नत है जो मस्तक (कर्मधारय समास)
- सजल –जल से युक्त (अव्ययीभाव समास)
- विविध –विषय –विविध है जो विषय ( कर्मधारय समास)
तताँरा वामीरो कथा
- शब्दहीन -शब्द से हीन – (तत्पुरुष)
- नृत्य-संगीत- नृत्य और संगीत-(द्वंद्व )
- लोककथा -लोक की कथा (तत्पुरुष समास)
- पशु-पर्व -पशुओं का पर्व –(तत्पुरुष समास)
- प्रेम-कथा – प्रेम की कथा –(तत्पुरुष समास)
- विचारमग्न -विचार में मग्न- –(तत्पुरुष समास)
- क्रोधाग्नि -क्रोध रूपी अग्नि (कर्मधारय )
- कार निकोबार –कार और निकोबार (द्वंदव समास)
- पर्व -त्यौहार -पर्व और त्योहार(द्वंदव समास)
- बेसुध –बिना सुध के(अव्ययीभाव समास)
- भयाकुल -भय से आकुल (तत्पुरुष समास)
- निः शब्द–बिना शब्द के(अव्ययीभाव समास)
- आंचरहित –आंच से रहित (तत्पुरुष समास)
- द्वीपसमूह -द्वीपों का समूह (तत्पुरुष समास)
- प्रतीक्षारत -प्रतीक्षा में रत (तत्पुरुष समास)
अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले
- छोटे– बड़े – छोटे और बड़े (द्वंदव समास)
- पशु– पक्षी _ पशु और पक्षी(द्वंदव समास)
- बेदखल– बिना दखल के (अव्ययीभाव समास)
- बेवक्त– बिना वक्त के (अव्ययीभाव समास)
- आत्मकथा –आत्म की कथा ( तत्पुरुष समास)
- पूजा –स्थल – पूजा के लिए स्थल (तत्पुरुष समास)
- दीया– बत्ती– दीया और बाती (द्वंदव समास)
- परिंदो – चरिंदो– परिंदो और चरिंदो (द्वंदव समास)
- विनाशलीला– विनाश की लीला (तत्पुरुष समास)
- असंतुलन– न संतुलन (नञ् तत्पुरुष समास)
- सहनशक्ति– सहने की शक्ति (तत्पुरुष समास)
- दिन–भर– पूरा दिन (अव्ययीभाव समास)
- युधिष्ठिर-युद्ध में स्थिर (तत्पुरुष समास)
- रात-भर -पूरी रात (अव्ययीभाव समास)
तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र शिल्पकार –
- आत्मविश्वास–आत्म पर विश्वास (तत्पुरुष समास)
- सर्वोत्कृष्ट–सबसे अच्छा (कर्मधारय समास)
- राष्ट्रपति –राष्ट्र का पति ( तत्पुरुष समास)
- स्वर्णपदक –सोने का पदक (तत्पुरुष समास)
- कवि –ह्रदय –कवि का हृदय (तत्पुरुष )
- सूझ –बूझ –सूझ और बूझ( द्वंद्व समास)
- अयोग्य– न योग्य (नञ् तत्पुरुष समास)
- असफलता – न सफ़लता (नञ् तत्पुरुष समास)
- आत्म –संतुष्टि –आत्म की संतुष्टि (तत्पुरुष समास)
- बमुश्किल –बहुत मुश्किल से (अव्ययीभाव समास)
- लोकप्रिय –लोक में प्रिय ( तत्पुरुष समास)
- धन– लिप्सा –धन की लिप्सा ( तत्पुरुष समास)
- कला– मर्मज्ञ– कला के मर्म को जाननेवाला ( तत्पुरुष समास)
- नवाकिफ- अनजान (अव्ययीभाव समास)
- भाव–प्रवण- भावनाओ से भरा हुआ (तत्पुरुष समास)
- गाड़ीवान- गाड़ी को चलाने वाला(तत्पुरुष समास)
- कलाकार–कला को करने वाला (तत्पुरुष समास)
- संगीतकार–संगीत की रचना करने वाला (तत्पुरुष समास)
- साहित्य– रचना–साहित्य की रचना (तत्पुरुष समास)
- लोकतत्व – लोक का तत्व(तत्पुरुष समास)
- गीतकार -गीत की रचना करने वाला (तत्पुरुष समास)
डायरी का एक पन्ना
- सत्याग्रह – सत्य के लिए आग्रह( तत्पुरुष समास)
- महासंग्राम – महान है जो संग्राम (कर्मधारय समास)
- प्रतिदिन– प्रत्येक दिन (अव्ययीभाव समास)
- घुड़सवार –घोड़े पर सवार(तत्पुरुष समास)
- पुरुषोत्तम– पुरुषों में उत्तम( तत्पुरुष समास)
- पुनरावृत्ति -पुनः आवृति -(अव्ययीभाव समास)
- श्रद्धाआनंद – श्रद्धा और आनंद (द्वंद समास)
- बड़ा बाजार– बड़ा है जो बाजार (कर्मधारय समास)
- युद्धमंत्री –युद्ध के लिए मंत्री (तत्पुरुष समास)
- झंडोत्सव –झंडा के लिए उत्सव (तत्पुरुष समास)
- प्रत्येक –हर एक (अव्ययीभाव समास)
पतझड़ में टूटी पत्तियाँ
- पतझड़– झड़ जाते हैं पत्ते जिसमें अर्थात विशेष ऋतु (बहुव्रीहि समास)
- दिनचर्या -दिन की चर्या (तत्पुरुष समास
- लाभ –हानि –लाभ और हानी (द्वंद्व समास)
- पर्णकुटी– पत्ते से बनी कुटिया (तत्पुरुष समास)
- खट्टी – मीठी -खट्टी और मीठी (द्वंद्व समाससमास)
- अनंत – ना अंत ( नञ तत्पुरुष )
- माता-पिता = माता और पिता(द्वंद्व समास)
- पाप-पुण्य =पाप और पुण्य(द्वंद्व समास )
- सुख-दुख = सुख और दुख(द्वंद्व समास)
- रात-दिन = रात और दिन(द्वंद्व समास )
- अन्न-जल = अन्न और जल(द्वंद्व समास)
- घर-बाहर = घर और बाहर(द्वंद्व समास)
- देश-विदेश = देश और विदेश(द्वंद्व समास)
- महात्मा -महान है जो आत्मा –(कर्मधारय समास)
हरिहर काका
- मनः स्थिति- मन की स्थिति ( तत्पुरुष समास)
- जल समाधि- जल में समाधि (तत्पुरुष समास)
- ठीक-ठीक- बिलकुल ठीक ( अव्ययीभाव समास)
- कथावाचन-कथा का वचन
- सुबह-शाम- सुबह और शाम(द्वंद समास)
- भजन-कीर्तन= भजन और कीर्तन(द्वंद समास)
- विशाल मंदिर= विशाल है जो मंदिर (कर्मधारय समास)
- साधु-संत= साधु और संत(द्वंद समास)
- पर्व-त्योहार= पर्व और त्योहार(द्वंद समास)
- अन्न- वस्त्र= अन्न और वस्त्र (द्वंद समास)
- मन और तन= मन-तन (द्वंद समास)
- कृषि-कार्य= कृषि के लिए कार्य (तत्पुरुष समास)
- हलवा-पूड़ी= हलवा और पूड़ी(द्वंद समास)
- बाल-बच्चे= बाल और बच्चे(द्वंद समास)
- प्रतीक्षारत= प्रतीक्षा में रत (तत्पुरुष समास)
- अच्छे-अच्छे= बहुत अच्छे( अव्ययीभाव समास)
- यशोगान= यश का गान (तत्पुरुष समास)
- महादान = महान है जो दान (कर्मधारय समास)
- अकालमृत्यु= अकाल है जो मृत्यु (कर्मधारय समास)
- चिंतामग्न= चिंता में मग्न (तत्पुरुष समास)
- मिष्ठान्न = मीठा है जो अन्न (कर्मधारय समास)
- क्षमा-याचना= क्षमा के लिए याचना (तत्पुरुष समास)
- श्रद्धा के भाव= श्रद्धाभाव (तत्पुरुष समास)
- अचल= न चल(नञ् तत्पुरुष समास)
- प्रत्यक्ष= आँखों के सामने(अव्ययीभाव समास)
- देवलोक = देवताओं का लोक (तत्पुरुष समास)
- माया-मोह= ( माया और मोह) (द्वंद समास)
- धर्मसंकट= धर्म का संकट (तत्पुरुष समास)
- आत्मसमर्पण= आत्म का समर्पण (तत्पुरुष समास)
- जायदादहीन= जायदाद से हीन (तत्पुरुष समास)
- आदर-सम्मान= आदर और सम्मान(द्वंद समास)
- अविश्वास= न विश्वास (नञ् तत्पुरुष समास)
- गिद्धदृष्टि= गिद्ध के समान दृष्टि (कर्मधारय समास)
- दोपहर= दो पहरों का समूह ( द्विगु समास)
- अज्ञान= न ज्ञान(नञ् तत्पुरुष समास)
- घर-तलाशी= घर की तलाशी (तत्पुरुष समास)
- बंधनमुक्त= बंधन से मुक्त(तत्पुरुष समास)
- हस्तगत= हस्त को गत (तत्पुरुष समास)
- प्रतिदिन= हर दिन (अव्ययीभाव समास)
- धर्मस्थल= धर्म के लिए स्थल (तत्पुरुष समास)
- मठाधीश= मठ के लिए अधीश (तत्पुरुष समास)
- कुमार्ग= कु है जो मार्ग (कर्मधारय समास)
- महात्मा= महान है जो आत्मा(कर्मधारय समास)
- बेनकाब= विना नकाब के (अव्ययीभाव समास)
- बेसहारा= बिना सहारे के (अव्ययीभाव समास)
- सद्भाव= सत् है जो भाव(कर्मधारय समास)
सपनों के से दिन
- दिनचर्या -दिन की चर्या (तत्पुरुष समास)
- लोकोक्ति – लोक की उक्ति(तत्पुरुष समास)
- सप्ताह – सात दिनों का समूह ( द्विगु समास)
- मनमोहक – मन को मोहने वाली(तत्पुरुष समास)
- भयभीत -भय से भीत(तत्पुरुष समास)
- शब्द -रूप – शब्द का रूप(तत्पुरुष समास)
- शिक्षा -विभाग – शिक्षा का विभाग(तत्पुरुष समास)
- मनोविज्ञान – मन का विज्ञान(तत्पुरुष समास)
- धनश्याम – धन के समान श्याम (कर्मधारय समास)
टोपी शुक्ला
- ब्रज – कुमार – ब्रज का कुमार (तत्पुरुष समास)
- कथाकार – कथा की रचना करने वाला(तत्पुरुष समास)
- हिंदू-मुस्लिम = हिंदू और मुस्लिम (द्वंद समास)
- हेडमाली – हेड है जो माली (कर्मधारय समास)
- दुख-दर्द – दुख और दर्द(द्वंद समास)

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