तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Teesari kasam ke shilpkaar Important Padbandh class-10
- शैलेंद्र तो फ़िल्म-निर्माता बनने के लिए सर्वथा अयोग्य थे।
- फ़िल्म की हीरोइन वहीदा रहमान ने भी वैसा ही अभिनय कर दिखाया जैसी उनसे उम्मीद थी।
- वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था|
- शैलेंद्र का मुरझाया हुआ चेहरा देखकर राजकपूर ने मुस्कुराते हुए कहा।
- राजकपूर ने एक अच्छे और सच्चे मित्र की हैसियत से शैलेंद्र को फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह भी किया।
- ‘तीसरी कसम’ में राजकपूर और वहीदा रहमान जैसे नामजद सितारे थे|
- खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान जो सिर्फ दिल की जुबान समझता है।
- छींट की सस्ती साड़ी में लिपटी ‘हीराबाई’ ने वहीदा रहमान की प्रसिद्ध ऊँचाइयों को बहुत पीछे छोड़ दिया था।
- राजकपूर जिन्हें समीक्षक और कला-मर्मज्ञ आँखों से बात करने वाला कलाकार मानते हैं
- जब वह एशिया के सबसे बड़े शोमैन के रूप में स्थापित हो चुके थे|
- ‘तीसरी कसम’ में वह महिमामय व्यक्तित्व पूरी तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया है।
- हीराबाई की फेनू-गिलासी बोली पर रीझता हुआ हीरामन बन गया है।
- उसकी ‘मनुआ-नटुआ’ जैसी भोली सूरत पर न्योछावर होता हुआ सच्चा हीरामन बन गया है।
- शैलेंद्र के गीत समुद्र की गहराई लिए हुए थी ।
ANSWER
- विशेषण पदबंध
2. संज्ञा पदबंध
3. आदर्शवादी भावुक(विशेषण पदबंधआदर्शवादी भावुक कवि(संज्ञा पदबंध )
4.संज्ञा पदबंध
5.संज्ञा पदबंध
6.संज्ञा पदबंध
7.खालिस देहाती भुच्च (विशेषण पदबंध) खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान (संज्ञा पदबंध)
8.छींट की सस्ती(विशेषण पदबंध)छींट की सस्ती साड़ी (संज्ञा पदबंध
9.संज्ञा पदबंध
10.एशिया के सबसे बड़े शोमैन (संज्ञा पदबंध)स्थापित हो चुके थे|(क्रिया पदबंध )
11.संज्ञा पदबंध
12.शेषण पदबंध
13.विशेषण पदबंध
14.संज्ञा पदबंध

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