Teesari kasam ke shilpkaar Important waky rupantaran class-10
- उन्होंने ऐसी फ़िल्म बनाई थी जिसे सच्चा कवि-हृदय ही बना सकता था।
- उनका दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए।
- फ़िल्म की हीरोइन वहीदा रहमान ने भी वैसा ही अभिनय कर दिखाया जैसी उनसे उम्मीद थी। सरल वाक्य में बदलिए|
- वे सिनेमा की चकाचौंध के बीच रहते हुए यश और धन-लिप्सा से कोसों दूर थे।
- जो बात उनकी जिंदगी में थी वही उनके गीतों में भी।
- वह कहीं हीरामन का अभिनय नहीं करता, अपितु खुद हीरामन में ढल गया है।
- राजकपूर जिन्हें समीक्षक और कला-मर्मज्ञ आँखों से बात करने वाला कलाकार मानते हैं|
- शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं।
- कलाकार का यह कर्तव्य है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे।
- यदि त्रासद स्थितियों का चित्रांकन होता है तो उन्हें ग्लोरीफ़ाई किया जाता है। सरल वाक्य में बदलिए|
- ‘तीसरी कसम’ की यह खास बात थी कि वह दुख को भी सहज स्थिति में, जीवन-सापेक्ष प्रस्तुत करती है।
- व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती बल्कि उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।
- ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म नहीं बल्कि सैल्यूलाइड पर लिखी कविता थी।
- ‘शैलेंद्र ने ऐसी फ़िल्म बनाई थी जिसे सच्चा कवि हृदय ही बना सकता है।’ – रचना की दृष्टि मे वाक्य-भेद लिखिए।
- शैलेंद्र के गीत भाव-प्रवण थे, लेकिन दुरूह नहीं।’ – मिश्र वाक्य में रूपांतरित कीजिए –
ANSWER
1.मिश्रित वाक्य
2.मिश्रित वाक्य
3.फ़िल्म की हीरोइन वहीदा रहमान ने उम्मीद के अनुसार अभिनय कर दिखाया|
4.सरल वाक्य
5.मिश्रित वाक्य
6.संयुक्त वाक्य
7.सरल वाक्य
8.सरल वाक्य
9.मिश्रित वाक्य
10.त्रासद स्थितियों का चित्रांकन होने पर उन्हें ग्लोरीफ़ाई किया जाता है।
11.मिश्रित वाक्य
12.संयुक्त वाक्य
13.संयुक्त वाक्य
14.मिश्रित वाक्य
15.शैलेंद्र के जो गीत थे वो भाव-प्रवण थे, दुरूह नहीं।

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