Apthit Gadyansh Class-10(CBSE)
1.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
भारतीय चिंतन में स्वास्थ्य का अर्थ ‘स्व’ में स्थित होता है। दूसरे शब्दों में एक आत्मस्थ व्यक्ति को स्वस्थ कहा जा सकता है। जीवन का आनंद लेने के लिए स्वस्थ रहने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य व्यक्ति के व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है। समाज का एक उत्पादक सदस्य होने के नाते हमें जागरूक और शरीर से क्रियाशील होने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य मनोविज्ञान में वे मनोवैज्ञानिक कारक आते हैं जो स्वास्थ्य को बनाए रखने और उन्नत करने में सहायक होते हैं। यह उन कारकों की भी खोज करता है जो रोग की स्थिति पैदा करते हैं। हमारी जीवन शैली और सोचने एवं व्यवहार करने के तरीके लोगों के स्वास्थ्य स्तर में योगदान करते हैं। व्यायाम, पौष्टिक भोजन लेने और धूम्रपान जैसे दुर्व्यसनों में परिवर्तन से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक कुशलक्षेम की अवस्था को कहते हैं। यह एक सकारात्मक अवस्था है। लोगों के व्यक्तिगत तथा सामाजिक जीवन में स्वास्थ्य का केन्द्रीय स्थान है। आज की दुनिया में लोगों के गुणात्मक जीवन को चारों ओर से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसका परिणाम लोगों का गिरता स्वास्थ्य है। एक ओर बाहरी पर्यावरण बड़ी तेजी से बदल रहा है। इससे अनेक पर्यावरणीय तनावों से सफलतापूर्वक निपटने की आवश्यकता है। सामाजिक संरचना में आए बदलाव जैसे परिवार और अन्य सामाजिक संस्थाओं का विघटन, प्रतिस्पर्धा और उपभोक्तावादी संस्कृति द्वंद्व और असहयोग को बढ़ावा प्रदान कर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
(i) गद्यांश के अनुसार व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है : 1
(A) धन
(B) संघर्ष
(C) स्वास्थ्य
(D) परिश्रम
(ii)’ समाज का उत्पादक सदस्य होने से’ क्या अभिप्राय है ? 1
(A) समाज के विकास में योगदान देने वाला सक्रिय नागरिक
(B) कल-कारखानों में काम करने वाला मेहनती श्रमिक
(C) खेत-खलिहानों में काम करने वाला परिश्रमी किसान
(D) देश के विकास में योगदान देने वाला चिंतनशील वैज्ञानिक
(iii) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों से सही उत्तर चुनकर
लिखिए : 1
कथन :उत्तम स्वास्थ्य व्यक्ति के व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन के लिए आवश्यक है।
कारण : मन की जागरूकता और शरीर की क्रियाशीलता स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है।
विकल्प :
(A) कथन सही है, लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है।
(B) कथन और कारण दोनों सही हैं।
(C) कथन ग़लत है, लेकिन कारण सही है।
(D) कथन और कारण दोनों ग़लत हैं।
(iv) स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले नकारात्मक कारकों का उल्लेख कीजिए। 2
(v)स्वास्थ्य किसे कहते हैं ? शरीर को स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है ? 2
ANSWER
i.(C) स्वास्थ्य
ii.(A)समाज के विकास में योगदान देने वाला सक्रिय नागरिक
iii.(A)कथन सही है लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है
iv.पर्यावरण परिवर्तन
सामाजिक संरचना में आए बदलाव
प्रतिस्पर्धा और उपभोक्तावादी संस्कृति (किन्हीं दो बिंदुओं का उल्लेख अपेक्षित)
v. किसे-
शारीरिक और मानसिक रूप से कुशलक्षेम की अवस्था
कैसे-
व्यायाम, पौष्टिक भोजन लेने और बुरी आदतों में परिवर्तन
2.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
क्रोध दुःख के चेतन कारण के साक्षात्कार या अनुमान से उत्पन्न होता है। साक्षात्कार के समय दुःख और उसके कारण के संबंध का परिज्ञान आवश्यक है। तीन-चार महीने के बच्चे को कोई हाथ उठाकर मार दे, तो उसने हाथ उठाते तो देखा है पर उसकी पीड़ा और उस हाथ उठाने से क्या संबंध है, यह वह नहीं जानता है। अतः वह केवल रोकर अपना दुःख मात्र प्रकट कर देता है। दुःख के कारण की स्पष्ट धारणा के बिना क्रोध का उदय नहीं होता। दुःख के सज्ञान कारण पर प्रबल प्रभाव डालने में प्रवृत्त करवाने वाला मनोविकार होने के कारण क्रोध का आविर्भाव बहुत पहले देखा जाता है। शिशु अपनी माता की आकृति से परिचित हो जाने पर ज्यों ही यह जान जाता है कि दूध इसी से मिलता है, भूखा होने पर वह उसे देखते ही अपने रोने में कुछ क्रोध का आभास देने लगता है।
सामाजिक जीवन में क्रोध की ज़रूरत बराबर पड़ती है। यदि क्रोध न हो तो मनुष्य दूसरों के द्वारा पहुँचाए जाने वाले बहुत से कष्टों की चिरनिवृत्ति का उपाय ही न कर सकेगा। समाज में निराशा और अत्याचार का बोलबाला बढ़ जाएगा। कोई मनुष्य किसी दुष्ट के नित्य दो-चार प्रहार सहता है। यदि उसमें क्रोध का विकास नहीं हुआ है तो वह केवल आह-ऊह करेगा, जिसका उस दुष्ट पर कोई प्रभाव नहीं। उस दुष्ट के हृदय में विवेक, दया आदि उत्पन्न करने में बहुत समय लगेगा । संसार किसी को इतना समय ऐसे छोटे-छोटे कामों के लिए नहीं दे सकता।
(i)क्रोध की उत्पत्ति का क्या कारण है ? 1
(A) सामने वाले के हृदय में दया उत्पन्न करना
(B) दुःख के चेतन कारण के साक्षात्कार का अनुमान
(C) क्रोध को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानना
(D)अपनी भावनाओं पर नियंत्रण न रख पाना
(ii)माँ की गोद में जाते ही शिशु क्यों शांत हो जाता है ? 1
(A) माता शिशु की जननी है।
(B) सुरक्षा का अनुभव करता है।
(C) माँ की गोद में ममता का अनुभव करता है।
(D) माँ की आकृति पहचान भूख शांत हो जाने की आशा है।
(iii)निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों से सही उत्तर चुनकर
लिखिए : 1
कथन :क्रोध की आह-ऊह का दुष्ट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
कारण :दुष्ट के हृदय में विवेक, दया आदि उत्पन्न करने में बहुत समय लगेगा।
विकल्प :
(A) कथन सही है, लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है।
(B) कथन और कारण दोनों ग़लत हैं।
(C) कथन सही है और कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
(D) कथन ग़लत है, लेकिन कारण सही है।
(iv) गद्यांश का लेखक सामाजिक जीवन में क्रोध का समर्थन करता है, क्यों ? 2
(v) गद्यांश के आधार पर क्रोध की व्याख्या कीजिए। 2
ANSWER
i. (B)दुख के चेतन कारण के साक्षात्कार का अनुमान
ii.(D)माँ की आकृति पहचान भूख शांत हो जाने की आशा है।
iii.(A)कथन सही है लेकिन कारण, कथन की गलत व्याख्या करता है।
iv.दूसरों के द्वारा पहुँचाए जाने वाले कष्टों से बचने के लिए
समाज से निराशा और अत्याचार दूर करने के लिए
v.दुख के कारण की जानकारी या अनुमान से जन्म लेने वाला भाव
दूसरों के द्वारा सताए जाने पर उत्पन्न होने वाला भाव
क्रोध के कारण तथा परिणाम के अन्य बिंदु भी स्वीकार्य
3.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
गाँधीजी ने संसार को जो संदेश दिया था, वह सर्वोदय का संदेश था। उस संदेश की जितनी पहले आवश्यकता थी, उतनी ही आज भी है। गाँधीजी ने अपने जीवन काल में न केवल वाणी और लेखनी द्वारा, बल्कि अपने आचरण द्वारा भी उस महान संदेश का प्रचार किया था।
गाँधीजी ने इस पर खूब जोर दिया था कि किसी अच्छे उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अशुद्ध साधनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने हमें सिखाया था कि अशुद्ध साधनों द्वारा उत्तम उद्देश्य हासिल नहीं किया जा सकता। यही कारण था कि उन्होंने देश की स्वतंत्रता के श्रेष्ठ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हिंसात्मक और आतंकवादी कार्रवाइयों का त्याग करने और सत्य तथा अहिंसा का मार्ग अपनाने की सलाह दी है। इसका परिणाम हम अपनी आँखों से देख चुके हैं। व्यवहार में यह रास्ता ज्यादा सीधा और सरल साबित हुआ। कम-से-कम हानि उठाकर हमने अपनी स्वतंत्रता हासिल की और जो कल तक हमारे विरोधी थे, वही हमारे मित्र बन गए हैं। इसके विपरीत यूरोप के पिछले दो महायुद्धों के उदाहरण भी हमारे सामने हैं। इन महायुद्धों में जन-धन का भयंकर विनाश हुआ, वह तो हुआ ही; उन नैतिक मूल्यों का भी ह्रास हो गया, जिनके कारण मनुष्य मनुष्य कहलाने का अधिकारी होता है। वे समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं जिन्हें हल करने के लिए महायुद्ध लड़े गए थे। अतः सर्वोदय सम्मेलन में साधनों की शुद्धता पर जो बल दिया गया है, वह सर्वथा उचित है।
(i)’गाँधीजी ने अपने आचरण द्वारा भी उस महान संदेश का प्रचार किया था।’ पंक्ति में किस महान संदेश की ओर संकेत किया गया है ? 1
(A) सत्य और अहिंसा का संदेश
(B) सर्वोदय का संदेश
(C) शुभ आचरण का संदेश
(D) नैतिक मूल्यों का संदेश
(ii)’गाँधीजी के भौतिक रूप से हमारे बीच उपस्थित न रहने’ से क्या अभिप्राय है ? 1
(A) आत्मिक रूप से उपस्थित न होना
(B) सैद्धांतिक रूप से उपस्थित न होना
(C) प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित न होना
(D) मानसिक रूप में उपस्थित न होना
(iii)निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए : 1
कथन :सर्वोदय के संदेश की दुनिया को जितनी आवश्यकता पहले थी, उतनी ही आवश्यकता आज भी है।
कारण :समाज में विद्यमान समस्याओं के मूल रूप में पहले से अब तक विशेष अंतर नहीं आया है।
विकल्प :
(A)कथन ग़लत है, परन्तु कारण सही है।
(B)कथन और कारण दोनों ग़लत हैं।
(C)कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
(D)कथन सही है, परन्तु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iv)देश की स्वतंत्रता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गाँधीजी ने किस मार्ग को अपनाने की सलाह दी और क्यों ? 2
(v)स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए गाँधीजी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के क्या परिणाम निकले ? 2
ANSWER
i.(B)सर्वोदय का संदेश
ii.(C)प्रत्यक्ष रूप में उपस्थित न होना
iii.(C)कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
iv.सत्य और अहिंसा के मार्ग को अपनाने की
साधनों की शुद्धता से स्वतंत्रता का लक्ष्य प्राप्त करना
v.जन-धन की कम से कम हानि
नैतिक मूल्यों की क्षति होने से बच जाना और विरोधी का मित्र बनना
4.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
पीने के पानी की समस्या दिनोंदिन भयावह रूप लेती जा रही है। इसका मुख्य कारण पारंपरिक जल स्रोतों का लगातार सूखते जाना, ज़मीन के अंदर जल स्तर का नीचे जाना और जल स्रोतों का प्रदूषित होना है। यही कारण है कि जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है लोगों को पीने के पानी की कमी होती जा रही है और यह समस्या सिर्फ़ शहरों में ही नहीं बल्कि गाँवों में भी अपने पाँव पसार रही है।
नदियाँ और ज़मीन के भीतर का जमा जल ही मुख्य रूप से हमारे पारंपरिक जल स्रोत हैं। लेकिन बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के कारण वैश्विक तापमान बढ़ने से पहाड़ों पर जमी बर्फ अब जल्दी पिघलने लगी है, जिससे नदियों में वर्षभर पानी नहीं आ पाता। बरसात की कमी या वर्षा जल का सही संरक्षण न हो पाने के कारण एक ओर ज़मीन उचित मात्रा में जल सोख नहीं पाती तो दूसरी ओर आधुनिक संयंत्रों से धरती और नदी के जल का अधिक दोहन होने लगा है। हर साल ज़मीन के नीचे जितना जल संचय नहीं होता उससे अधिक पानी खींच लिया जाता है। इस तरह सदियों से संचित जल का स्तर काफी नीचे चला गया है। सरकार अब वर्षा जल के संग्रहण के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है, जिसे ‘जल-खेती’ के नाम से जाना जाता है। वर्षा जल संग्रहण, पारंपरिक जल स्रोतों के दोहन और जल प्रदूषण पर रोक लगाकर ही इसका समाधान किया जा सकता है।
(i)गद्यांश के आधार पर पीने के पानी की समस्या का भयावह रूप धारण करने का कारण नहीं है: 1
(A) पारंपरिक जल स्रोतों का सूखते जाना
(B) भू-जल स्तर का निरंतर कम होना
(C) जल स्रोतों का दिनोंदिन प्रदूषित होना
(D) वैश्विक स्तर पर जलवायु में परिवर्तन होना
(ii) निम्नलिखित कथन और परिणाम को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए : 1
कथन : संचित जल से अधिक भू-जल विभिन्न माध्यमों से निकाला जा रहा है।
परिणाम : भू-जल स्तर दिन प्रतिदिन नीचे जाता जा रहा है।
विकल्प :
(A) कथन सही है, लेकिन परिणाम ग़लत है।
(B) कथन और परिणाम दोनों सही हैं।
(C) कथन ग़लत है, लेकिन परिणाम सही है।
(D) कथन और परिणाम दोनों ग़लत हैं।
(iii) ‘जल-खेती’ से अभिप्राय है : 1
(A) जल का संग्रहण
(C) जल के लिए खेती
(B) जल का संरक्षण
(D) जल में खेती
(iv) वैश्विक तापमान में वृद्धि का क्या दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है ? 2
(v) धरती के जल स्तर में आने वाली गिरावट के कारणों की समीक्षा कीजिए। 2
ANSWER
(i)(D)वैश्विक स्तर पर जलवायु में परिवर्तन होना
(ii)(B)कथन और परिणाम दोनों सही हैं।
(iii)(A)जल का संग्रहण
(iv)पहाड़ों पर वर्ष भर जमी रहने वाली बर्फ का जल्दी पिघल जाने से नदियों
में वर्षभर पानी नहीं आ पाना
वर्षा का कम होना
(v)धरती के तापमान में वृद्धि
वर्षा जल का उचित संग्रहण और संरक्षण न हो पाना
धरती में संचित जल का मनमाना दोहन
5.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
क्रोध कार्य-कारण के संबंध ज्ञान में त्रुटि या भूल होने पर धोखा देता है। क्रोध करने वाला जिस ओर से दुख आता है उसी ओर देखता है, अपनी ओर नहीं। जिसने दुख पहुँचाया है उसका नाश हो या उसे दुख पहुँचे, क्रुद्ध का यही लक्ष्य होता है। न तो वह यह देखता है कि मैंने कुछ किया है या नहीं, और न ही इस बात का ध्यान करता है कि क्रोध के वेग में मैं जो कुछ करूँगा उसका परिणाम क्या होगा। यही क्रोध का अंधापन है। इसी से एक तो मनोविकार ही एक-दूसरे को परिमित किया करते हैं, ऊपर से बुद्धि या विवेक भी इन पर अंकुश रखता है। यदि क्रोध इतना उग्र हुआ कि मन में दुखदाता की शक्ति के रूप और परिणाम के निश्चय, दया, भय आदि और भावों के संचार तथा उचित-अनुचित के विचार के लिए जगह ही न रही तो बड़ा अनर्थ खड़ा हो जाता है, जैसे यदि कोई सुने कि उसका शत्रु बीस-पच्चीस आदमी लेकर उसे मारने आ रहा है और वह चट क्रोध में व्याकुल होकर बिना शत्रु की शक्ति का विचार और अपनी रक्षा का पूरा प्रबंध किए उसे मारने के लिए अकेले दौड़ पड़े, तो उसके मारे जाने में बहुत कम संदेह समझा जाएगा। अतः कारण के यथार्थ निश्चय के उपरांत, उसका उद्देश्य अच्छी तरह समझ लेने पर ही आवश्यक मात्रा और उपयुक्त स्थिति में ही क्रोध वह काम दे सकता है जिसके लिए उसका विकास होता है।
(i)क्रोध धोखा कब देता है ? 1
(A) क्रोध करने वाले के मनोभावों का ज्ञान न होने पर
(B) कार्य-कारण के संबंध में भूल होने पर
(C) कार्य-कारण के संबंध में विश्वास होने पर
(D)दुख पहुँचाने वाले के व्यवहार का ज्ञान न होने पर
(ii)गद्यांश के मूल भाव को व्यक्त करने वाला/वाले कथन कौन-सा/से है/हैं ? उचित विकल्प चुनकर लिखिए : 1
I. बुद्धि और विवेक की भावना मनोविकारों पर अंकुश लगाते हैं।
II.दुखदाता की शक्ति का विचार किए बिना अकेले भिड़ना मूर्खता है।
III. आवश्यक और उचित मात्रा में किया गया क्रोध भी अनुचित है।
IV.शत्रु के अहंकार मर्दन के लिए क्रोध जरूरी है।
(A)केवल II सही है।
(B) केवल IV सही है।
(C) I और II दोनों सही हैं।
(D) III और IV दोनों सही हैं।
(iii)निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यान से पढ़िए और सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन
कीजिए : 1
कथन :कारण और परिस्थिति के अनुरूप किया गया क्रोध ही उपयुक्त है।
कारण: परिस्थिति के अनुरूप बुद्धि का प्रयोग कर, परिमित क्रोध करने से भयंकर दुष्परिणामों से बचा जा सकता है।
विकल्प :
(A)कथन और कारण दोनों ग़लत हैं।
(B)कारण ग़लत है, लेकिन कथन सही है।
(C)कथन सही है, लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है।
(D) कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
(iv)क्रोध को अंधा क्यों कहा गया है ? 2
(v)क्रोध कब अनर्थकारी रूप धारण कर लेता है ? 2
ANSWER
(i)(B) कार्य-कारण के संबंध में भूल होने पर
(ii)(C) I और II दोनों सही हैं।
(iii)(D)कथन तथा कारण दोनों सही है तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
(iv)केवल दुख पहुँचाने वाले का नाश चाहना
अपनी त्रुटि या क्रोध के परिणाम का विचार न करना
दुखदाता की शक्ति के रूप और परिणाम का विचार किए बिना उससे भिड़ना
(v)उचित-अनुचित का विचार न करने पर
शत्रु की शक्ति का विचार किए बिना अकेले ही उसे मारने के लिए निकलने पर
6.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
भोजन की बर्बादी से तात्पर्य उस भोजन से है जिसे खाया नहीं जाता और फेंक दिया जाता है। अनेक लोग अधिक मात्रा में भोजन खरीदते हैं और समाप्ति तिथि के बाद खोले बिना ही उसे फेंक दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर साल 1-3 अरब टन भोजन बर्बाद हो जाता है। यह आँकड़ा मानव उपयोग के लिए बनाए गए सभी खाद्य पदार्थों का एक-तिहाई है। दुनिया भर में लगभग एक अरब लोग कुपोषित या भूखे हैं। हम जिस भोजन को बर्बाद करने की प्रवृत्ति रखते हैं उसका केवल एक-चौथाई हिस्सा ही उन्हें ठीक से खिलाने में मदद कर सकता है। हमारे ग्रह पर उभर रही इस बड़ी समस्या का समाधान माँग के साथ खाद्य उत्पादन को संतुलित करना, खाद्य संचयन, भंडारण, प्रसंस्करण और वितरण प्रणालियों को बेहतर बनाना है। बर्बादी को सीमित करने के लिए अत्यधिक बिक्री को भी कम किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति एक योजना के साथ भोजन खरीदे और तैयार करे ताकि कम भोजन बर्बाद हो। खाद्य पुनर्चक्रण सबसे ज्ञात समाधानों में से एक है।
भोजन की बर्बादी पृथ्वी ग्रह पर सबसे बड़ी समस्याओं में से एक रही है जिसमें पृथ्वी को काफी हद तक प्रभावित किया है। इस समस्या को नियंत्रित कर आने वाली पीढ़ियों को भविष्य में होने वाली बड़ी समस्याओं जैसे ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस गैसों की पहुँच के कारण जलवायु परिवर्तन से बचा सकती है। खाद्य प्रणालियों की दक्षता में वृद्धि और भोजन की बर्बादी में कमी लाने के लिए नवाचार टेक्नोलॉजी व बुनियादी ढाँचे के संसाधनों में निवेश की आवश्यकता है। बर्बाद भोजन को कूड़ा खाद के रूप में इस्तेमाल करके भी पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
(i)इस गद्यांश में लेखक की चिंता का विषय है : 1
(A) वैश्विक स्तर पर बढ़ता प्रदूषण का स्तर
(B) वैश्विक स्तर पर लोगों का कुपोषित होना
(C) विश्व स्तर पर होने वाली भोजन की बर्बादी
(D) विश्व की एक-तिहाई आबादी का भूखे रहना
(ii)मानवीयता के साथ-साथ भोजन की बर्बादी प्रभावित करती है : 1
(A) पर्यावरण को
(B) जीव-जंतुओं को
(C) अर्थव्यवस्था को
(D) समाज को
(iii)निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यान से पढ़िए और सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए : 1
कथन : भोजन की बर्बादी जलवायु परिवर्तन का भी कारक है।
कारण :भूमि पर फेंका गया भोजन तीव्र मात्रा में ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन करता है।
विकल्प :
(A) कथन और कारण दोनों ग़लत हैं।
(B) कारण सही है, लेकिन कथन ग़लत है।
(C) कथन सही है, लेकिन कारण, कथन की ग़लत व्याख्या करता है।
(D) कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
(iv)भोजन की बर्बादी पर्यावरण को किस प्रकार क्षति पहुँचाती है? इसे किस प्रकार कम किया जा सकता है ? 2
(v) भोजन की बर्बादी से आप क्या समझते हैं और इसके क्या कारण हैं? 2
ANSWER
(i)(C) विश्व स्तर पर होने वाली भोजन की बर्बादी
(ii)(A) पर्यावरण को
(iii)(D) कथन तथा कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
(iv)किस प्रकार क्षति-
फेंके गए भोजन से ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन, पर्यावरण के लिए हानिकारक
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का भी कारक
किस प्रकार कम-
नवाचार टेक्नोलॉजी का प्रयोग, बुनियादी ढाँचे का विकास
बर्बाद भोजन का कूड़ा खाद के रूप में प्रयोग, खाद्य पुनर्चक्रण
(v)क्या-
खाने के बजाए फेंक दिया जाना
कारण-
अधिक मात्रा में भोजन खरीदना
समाप्ति तिथि के बाद खोले बिना ही भोजन को फेंका जाना
7.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
रंगमंच की दुनिया में मोबाइल थियेटर अबूझा नाम नहीं और असम में तो ये मनोरंजन का दूसरा नाम है। देश ही नहीं दुनिया भर में अपनी तरह का अनोखा, चलता-फिरता रंगमंच जो खानाबदोश जिंदगी जीता है। जिसका आज यहाँ ठौर, तो कल वहाँ ठिकाना इसलिए इसे भ्रमण थियेटर भी कहते हैं।
असम में फिल्मों से ज्यादा मोबाइल थियेटर लोकप्रिय है। असम के लेखकों और कलाकारों के लिए ये थियेटर किसी संजीवनी से कुछ कम नहीं हैं। ट्रकों पर खाने-पीने से लेकर स्टेज, कुर्सी, पोशाक, तकनीकी उपकरणों समेत सारे सामानों से लदकर ये आठ से नौ महीनों तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार प्रदर्शन करते हैं। रूपरेखा भले ही नाटक की हो, पर इसका स्टाइल पूरा फिल्मी है। फिल्मों की तरह इन थियेटरों में दिखाए जाने वाले नाटकों का भी बैनर, पोस्टर लगाकर खूब प्रचार होता है।
थियेटर शब्द सुनकर आमतौर पर गंभीर विषयवस्तु और श्वेत-श्याम स्टेज के नाटकों का खाका मस्तिष्क में उभरता है। ये घुमक्कड़ रंगमंच मंचन भले ही नाटकों का करते हैं, लेकिन इनमें पटकथा से लेकर नाच-गाना, एक्शन, इमोशन हर तरह का फिल्मी मसाला होता है। अभिनय और प्रस्तुति के मामले में यहाँ मनोरंजन से कोई समझौता नहीं होता।
टी.वी., केबल चैनलों और नई तकनीकों का इसके बाज़ार पर भी असर पड़ा है। बाज़ार और तकनीकी चहलकदमी ने इसका रूप ही नहीं रुख भी बदल दिया है लेकिन फिर भी इंटरनेट की तकनीकी आँधी इसके तंबू को उखाड़ नहीं पाई है। इसकी वजह है इसकी विविधता में वास्तविकता। पुरानी लाइटिंग, साउंड, तकनीकी उपकरणों के बावजूद इनके सेट एकदम असली लगते हैं और उस पर कलाकारों की जीवंत और उम्दा प्रस्तुति की तो बात ही क्या ! अपनी मौलिकता की वजह से समय की रेत पर यह आज भी अपनी पहचान के साथ स्थिर खड़ा है।
(i)मोबाइल थियेटर से क्या अभिप्राय है? 1
(A) मोबाइल पर देखे जाने वाला थियेटर
(B) मोबाइल की सहायता से बना थियेटर
(C) चलते-फिरते देखे जाने वाला थियेटर
(D) चलता-फिरता थियेटर
(ii)निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यान से पढ़िए और उचित विकल्प का चयन कर
लिखिए : 1
कथन :असम के लेखकों, कलाकारों के लिए मोबाइल थियेटर संजीवनी हैं।
कारण :मोबाइल थियेटर उन्हें आत्मिक, सामाजिक और आर्थिक संतुष्टि प्रदान करता है।
विकल्प :
(A) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(B) कारण सही है किंतु कथन गलत है।
(C)कथन सही है किंतु कारण कथन की गलत व्याख्या करता है।
(D) कथन तथा कारण दोनों सही हैं और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(iii) मोबाइल थियेटर के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं : 1
(I) मोबाइल थियेटर फिल्मी मसालों से युक्त होते हैं।
(II) मोबाइल थियेटर असम में मनोरंजन का एकमात्र साधन हैं।
(III) बाज़ारवाद और तकनीक का प्रभाव मोबाइल थियेटरों पर भी पड़ा है।
विकल्प :
(A) केवल (II) सही है।
(B) केवल (III) सही है।
(C) (I) और (II) सही हैं।
(D) (I) और (III) सही हैं।
(iv) मोबाइल थियेटर पारंपरिक थियेटर से किस प्रकार भिन्न हैं? 25-30 शब्दों में लिखिए। 2
(V)समय की रेत पर मोबाइल थियेटर की पहचान को स्थिर रखने वाली कौन-सी विशेषता है? किन्हीं दो बिंदुओं का उल्लेख कीजिए। 2
ANSWER
(i)(D) चलता-फिरता थियेटर
(ii)( D)कथन तथा कारण दोनों सही हैं और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(iii)(D)(i) और (iii) दोनों सही हैं।
(iv)विषयवस्तु, मंचसज्जा, तकनीक, संगीत की दृष्टि से (कोई दो बिंदु अपेक्षित)
मौलिकता, सामाजिक जीवन से सीधा जुड़ाव
(v)विविध विषयों की वास्तविक प्रस्तुति
कलाकारों की जीवंत और शानदार प्रस्तुति (कोई दो बिंदु अपेक्षित)
8.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
जलवायु परिवर्तन के साथ जैसे-जैसे मौसम का ‘पैटर्न’ समुद्र के स्तर को प्रभावित कर रहा है, नदी प्रणालियों में भूकम्प से होने वाले महाविनाशकारी परिवर्तनों को समझना अपरिहार्य हो चला है। धरती लगातार हिल रही है। पहाड़ों में दरारें पड़ रही हैं। नदियाँ वैसे भी, विशेष रूप से मार्ग और प्रवाह में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होती हैं। भूकम्प से नदी मार्ग में परिवर्तन के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं, जिससे संपत्ति, कृषि और बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान पहुँच सकता है। हाल में, जब अध्येताओं की एक टीम ने ढाका से सौ किलोमीटर दक्षिण में नदी की पुरानी मुख्यधारा खोजने के लिए सैटेलाइट चित्रों का इस्तेमाल किया तो उस इलाके में भूकम्पीय संकेत-चिह्न मिले। इस क्षेत्र में गंगा और ब्रह्मपुत्र की प्लेटें करीब होने से यहाँ अकसर तेज भूकम्प आते रहे हैं। डेल्टा वाले नदी क्षेत्र में उच्च तीव्रता का भूकम्प आने पर प्रवाह का रास्ता पूरी तरह बदल सकता है। वहाँ तबाही इसलिए बहुत भयावह होगी, क्योंकि अब उस क्षेत्र में लाखों की घनी बसावट है।
भूकम्पीय गतिविधियों और नदियों के प्रवाह पर बारीक नजर रखे हुए वैज्ञानिक लगातार ऐसे जोखिम वाले तमाम वैश्विक क्षेत्रों की पहचान करने में जुटे हैं। सब कुछ के बावजूद, किसी भूकम्प के सटीक मापदंडों या किसी भी क्षण नदी के बहाव के बारे में पूर्वानुमान लगाना असंभव है।
(i) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए। दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :1
कथन : नदी प्रणालियों में भूकम्पीय विनाशकारी बदलावों को समझना अनिवार्य हो गया है।
कारण : भूकम्प से नदी मार्ग में परिवर्तन के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
विकल्प :
(A)कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(B)कथन सही है लेकिन कारण गलत है।
(C)कथन और कारण दोनों सही हैं और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(D) कथन गलत है किंतु कारण सही है।
(ii) अध्ययनकर्ताओं को ढाका के दक्षिण में नदी की मुख्यधारा खोजते हुए क्या जानकारी मिली ? 1
(A) उस क्षेत्र के पहाड़ों में दरारें मिलीं
(B) उस क्षेत्र की संवेदनशीलता की जानकारी मिली
(C) नदी की पुरानी मुख्यधारा इस क्षेत्र से गायब हो चुकी है
(D) उस इलाके में नदी की पुरानी मुख्यधारा के संकेत-चिह्न मिले
(iii) डेल्टा वाले क्षेत्र में तीव्र भूकम्प आने से होगा : 1
(I) नदी-मार्ग बदल सकता है
(II) भयानक तबाही होगी
(III) उन क्षेत्रों में घनी बसावट हो सकती है
(IV) वहाँ अकसर तेज भूकम्प आते रहेंगे
विकल्प :
(A) I-II
(B) II-III
(C) III – IV
(D) I-IV
(iv) भूकम्प के सटीक मापदंड और नदी के बहाव का पूर्वानुमान लगाना असंभव क्यों है? किन्हीं दो बिंदुओं का उल्लेख कीजिए। 2
(v) पृथ्वी में हो रही लगातार भीतरी हलचल के कौन-से परिणाम हो रहे हैं और हो सकते हैं? 2
ANSWER
(i) (C)कथन और कारण दोनों सही हैं और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(ii) (B)उस क्षेत्र की संवेदनशीलता की जानकारी मिली
(iii) (A)I-II
(iv)धरती के भीतर की गतिविधियों की सटीक जानकारी नहीं होने से पूर्वानुमान असंभव
परिवर्तनों की संख्या इतनी कि कोई भी निष्कर्ष निकालना कठिन
(v)भूकंप से लोगों, घरों को क्षति
संपत्ति, कृषि और बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान
नदी मार्ग बदलने से तबाही
9.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर
लिखिए :
माता-पिता द्वारा प्रदत्त संस्कार जीवनभर संतान के साथ रहते हैं। वे पालक हैं, पोषक हैं, साथ ही रक्षक भी हैं। घर-परिवार की जिम्मेदारियों को कुशलता से निभाने का दायित्व उनके कंधों पर ही है।
जीवन में अनुशासन रखना कठिन कार्य है, इसमें व्यक्ति को आराम नहीं मिलता । किसी को भी अनुशासित रहना अर्थात् बँधे हुए जीना पसन्द नहीं आता । लेकिन सच्चाई यही है कि बिना अनुशासन के जीवन में संतुलन नहीं रह पाता और हम अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। इस बात को पतंग के उदाहरण से समझ सकते हैं। एक उड़ती हुई पतंग आसमान पर तब तक राज करती है, जब तक वह डोर से बंधी है। कट जाने पर वह अपना अस्तित्व खो देती है। हमारे जीवन में अनुशासन की यह डोर माता-पिता के हाथों में रहती है। वे ही जीवन को अनुशासित करते हैं। जो बच्चे अनुशासित जीवन जीते हैं, वे आगे जाकर सफल व्यक्ति बन जाते हैं।
माता भावनात्मक रूप से साथ जुड़ती है, पिता संघर्षों में ढाल बनकर उसको मजबूती प्रदान करता है। पिता-पुत्र, पिता-पुत्री, सभी रिश्तों में गरिमा है, अनुशासन है, सामंजस्य है, प्रेम है तभी जीवन में सुख बरसता है। माता-पिता की भूमिका जीवन में उस समय और महत्त्वपूर्ण हो जाती है, जब आप कठिन परिस्थितियों में उचित निर्णय नहीं ले पाते। उनके मार्गदर्शन में ही जीवन की गहराइयों की समझ व्यक्ति को हो पाती है।
(I) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए । दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए और उत्तर लिखिए । 1
कथन : रिश्तों की गरिमा, अनुशासन, ताल-मेल और प्रेम परिवार के लिए अपेक्षित है।
कारण : वही सुखी जीवन का रहस्य है।
विकल्प :
(A) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(B) कथन सही है, लेकिन कारण गलत है।
(C) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(D) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
(II) जीवन को परिपक्व बनाता है| 1
(A) जीवन संघर्ष
(B) माता-पिता का मार्गदर्शन
(C) गुरु के दिशा-निर्देश
(D) मित्रों का साथ
(III) गद्यांश में पतंग का उदाहरण किस उद्देश्य से दिया गया है| 1
(A)जीवन में स्वतंत्रता का महत्त्व दर्शाने के ।
(B)जीवन में माता-पिता का महत्त्व दर्शाने के ।
(C)पतंग की तरह आकाश-सा ऊँचा लक्ष्य पाने के ।
(D) जीवन में अनुशासन का महत्त्व दर्शाने के ।
(IV)अनुशासन का जीवन में क्या महत्त्व है? कोई दो बिंदु लिखिए । 2
(V) बच्चों की परवरिश में माता-पिता का सहयोग किस प्रकार मिलता है ? 2
ANSWER
(1)(C)कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(II)(B)माता-पिता का मार्गदर्शन
(III)(D)जीवन में अनुशासन का महत्त्व दर्शाने के ।
(IV)जीवन में संतुलन
लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित
सफल व्यक्तित्व का निर्माण
(कोई दो बिंदु अपेक्षित)
(V)माता-पिता द्वारा प्रदत्त संस्कार
पालन-पोषण और भावनात्मक समृद्धि प्रदान करना
जीवन की कठिन परिस्थितियों से जूझना सिखाना तथा सुरक्षित रखना
10.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए :
धरती के भीतर होने वाले कंपन कई बार नदियों का मार्ग बदल चुके हैं। ऐसे में नदी कभी-कभी अपने मूल स्थान से मीलों दूर चली जाती है। इससे तटवर्ती नगरों-महानगरों के निर्माण तो ध्वस्त होते ही हैं, एक बड़े परिक्षेत्र की कृषि योग्य भूमि भी जलमग्न हो जाती है। अपने सबसे घातक और विनाशकारी रूप में आने वाला भूकंप सड़कों, राजमार्गों को तोड़ते हुए पूरे परिदृश्य को मौलिक रूप से बदलने के साथ ही, नई-नई झीलें भी बना सकता है। विश्व में अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में घनी आबादी बसती है और नदियाँ भी बहती हैं। वहाँ गंभीर संकट मुँह बाए खड़ा है। यह जोखिम भरी स्थिति है।
जब धरती की सतह के भीतर टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे के विरुद्ध घिसती हैं या खिसकती हैं, तो वे कंपन पैदा करती हैं और धरती पर भूकंप आता है, और जब इसका केन्द्र नदी के क़रीब होता है तो अनेक बार नदी अपना रास्ता बदल देती है, भारी तबाही लाती है। चीन, भारत और जापान में आया भूकंप इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जो जान-माल की हानि का कारण बना ।
नदी के बदलावों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में विकास को सीमित कर, बाढ़ के मैदानों को खुली जगह या कृषि भूमि में वर्गीकृत कर विज्ञान और सतर्कता से इनका सामना किया जा सकता है।
(I) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए। दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए । 1
कथन: भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में घनी आबादी का बसना जोखिमपूर्ण है।
कारण: प्राकृतिक आपदा के समय जान-माल की रक्षा करना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
विकल्प :
(A) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(B) कथन गलत है, किन्तु कारण सही है।
(C) कथन सही है, लेकिन कारण गलत है।
(D) कथन और कारण दोनों ही गलत हैं।
(II) धरती की सतह पर भूकंप आने का कारण है- 1
(A) नदियों द्वारा अपना रास्ता बदलना ।
(B) धरती के भीतर प्लेटों का प्रतिकूल दिशा में खिसकना ।
(C) मनुष्य द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जाना ।
(D) मनुष्य द्वारा प्रकृति को क्षति पहुँचाकर विकास कार्यों में तेजी लाना।
(III) गद्यांश के मूल भावों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं ? 1
(i) भूकंप के कारण नदियाँ अपना रुख बदल लेती हैं।
(ii) विकास की गति को प्रतिबंधित कर भूकंप से बचा जा सकता है।
(iii) विनाशकारी भूकंप धरती पर जल के नए स्रोतों को जन्म दे सकता है।
(iv) मानवीय गतिविधियाँ नदियों को अपने मूल स्थानों से दूर ले जाने का कारण हैं।
विकल्प :
(A) (i) और (iv) सही हैं।
(C) (ii) और (iii) सही हैं।
(B) (ii) और (iv) सही हैं।
(D) (i) और (iii) सही हैं।
(IV) भूकंप के कारण नदी का मार्ग कैसे बदल जाता है ? 2
(V) धरती के भीतर उठने वाले ‘कंपन’ को क्या कहते हैं और उसके क्या परिणाम होते हैं ? 2
ANSWER
(1)(A) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(II)(B) धरती के भीतर प्लेटों का प्रतिकूल दिशा में खिसकना ।
(III)(D)(i) और(iii) सही हैं।
(IV)टेक्टोनिक प्लेट्स के घिसने और खिसकने से उत्पन्न कंपन द्वारा भू-संरचना में बदलाव
भूकंप का केंद्र नदी के नजदीक होने से नदी का मार्ग बदलना
(V)भूकंप
बुनियादी ढाँचों का विनाश, जान-माल की हानि,नई झीलों का निर्माण, नदी का मार्ग परिवर्तन आदि
11.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए :
पिता हमेशा रुक्ष नहीं होता, सदैव कठोर व्यवहार से घर को संचालित नहीं करता क्योंकि वह भीतर से सौम्य प्रकृति का होता है। पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, उसे महसूस किया जा सकता है। बाहर से कठोर दिखाई देने वाला पिता भीतरी स्तर पर अत्यन्त भावुक होता है।
जिस घर में पिता बच्चों के साथ बातचीत करता है, हँसता-बोलता है, उनके सभी क्रियाकलापों में सहयोग करता है, उसी घर में बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास उचित रूप से हो पाता है। अच्छी और सुसंस्कृत संतान हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है। बच्चों के पालन-पोषण में दोनों समान भूमिका निभाते हैं। आज का युग इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, जहाँ माता-पिता दोनों कामकाजी हैं। भागदौड़ भरी जिन्दगी में घर के साथ दफ्तर भी सँभालना होता है। ऐसे में केवल माँ के भरोसे घर और बच्चों को छोड़ना सही नहीं है। दोनों के सहयोग से ही घर को सँभाल पाना संभव होता है। पिता का दायित्व आज दफ्तर की सीमा से निकलकर घर तक आ गया है। बच्चों को सुबह उठाकर स्कूल भेजने से लेकर होमवर्क करवाने तक सभी कार्यों में उसकी समान भागीदारी आज अपेक्षित है। आज नई पीढ़ी के युवा घर में इन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते देखे जा सकते हैं।
वर्तमान समय में पढ़े-लिखे कामकाजी-एकल परिवार में व्यक्ति का जीवन दबाव में ही दिखता है, चाहे वह पढ़ाई का हो, कैरियर का हो अथवा कार्यक्षेत्र में हो। परिवार का खुशनुमा और परस्पर सौहार्दपूर्ण वातावरण उस दबाव से बाहर निकलने में सहायक बनता है।
(I)निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए । दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिएऔर उत्तर लिखिए । 1
कथन: पिता सदैव कठोर व्यवहार से घर को संचालित नहीं करता ।
कारण :बच्चों की गतिविधियों में पिता की सौम्यतापूर्ण भागीदारी और सहयोग रहता है।
विकल्प :
(A)कथन सही है, लेकिन कारण गलत है।
(B) कथन तथा कारण दोनों गलत हैं।
(C)कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(D)कथन और कारण दोनों सही हैं, लेकिन कारण कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
(II)अच्छी और सुसंस्कृत संतान के लिए अपेक्षित है – 1
(A)बच्चों के पालन-पोषण में केवल माता की सहभागिता
(B)बच्चों के पालन-पोषण में केवल पिता की सहभागिता
(C)बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता दोनों की सहभागिता
(D)बच्चों के पालन-पोषण में समाज की सहभागिता
(III)आज की युवा पीढ़ी में कौन-सा सकारात्मक परिवर्तन आया है ? 1
(A)युवा माता-पिता दोनों का कामकाजी होना ।
(B)बच्चों की परवरिश में माता को पिता का पूर्ण सहयोग मिलना ।
(C)एकल परिवारों का चलन दिन-प्रतिदिन बढ़ना ।
(D)एकल परिवारों में बच्चों का जल्दी परिपक्व होना ।
(IV) माता-पिता पर अपनी संतान को लेकर कौन-कौन से दबाव हैं ? इन दबावों से आप अपने
माता-पिता को मुक्ति कैसे दिलवा सकते हैं ? 2
(V) पिता की कौन-सी दो विरोधी बातें परिवार को सही दिशा में ले जाती हैं ? 2
ANSWER
(1)(C)कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(II)(C)बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता दोनों की सहभागिता
(III)(B)बच्चों की परवरिश में माता को पिता का पूर्ण सहयोग मिलना।
(IV)पढ़ाई, कैरियर, कार्यक्षेत्र एवं सामाजिक प्रतिस्पर्धा का दबाव (विद्यार्थियों की समझ तथा उपयुक्त तर्क पर आधारित मुक्त उत्तर)
(V)बाहर से कठोर दिखाई देने वाले पिता भीतर से मृदुल, भावुक व कोमल
पिता का प्रेम दिखाई न देना पर महसूस करना
12.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए :
हर्बल-ऑर्गेनिक (जैविक) आहार ऐसे आहार होते हैं जो प्राकृतिक रूप से शुद्ध और ताज़ा होते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। परंपरागत व्यंजन, पेय पदार्थ, फल-सब्ज़ियाँ और मसाले ऋतु के अनुसार हमारे भोजन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। परंपरागत और स्वदेशी भोजन एवं पेय पदार्थ पाश्चात्य फास्टफूड एवं रसायन युक्त कोल्ड ड्रिंक्स के शानदार विकल्प हैं। सरकार, व्यापारियों और दुकानदारों को नया कुछ भी नहीं करना है। बस उन्हें पहले से स्थापित भोजनालयों, दुकानों एवं शैक्षणिक संस्थाओं, कम्पनी कार्यालयों की कैंटीनों, मॉल्स तक इनको पहुँचाना है। परंपरागत खाद्य पदार्थों के साथ ऑर्गेनिक खाद्य एवं पेय पदार्थों की बिक्री के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए। ऑर्गेनिक फलों और सब्ज़ियों के ताज़ा जूस, सूप, शेक, दूध, छाछ, लस्सी, शरबत, ठंडाई, हर्बल चाय, जौ, गेहूँ, मक्का या बाजरे की राबड़ी, नींबू की शिकंजी के साथ ऑर्गेनिक फल भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। साधारण ढाबों से लेकर पाँच सितारा होटलों तक शरबत, नारियल पानी, जुवारे का जूस, तरबूज का जूस, सत्तू और छाछ जैसे पेय पदार्थों को उपलब्ध करवाकर इनको उपभोक्ताओं में लोकप्रिय बनाया जा सकता है। पृथक से हर्बल फूड सेंटर बनाकर वहाँ ऑर्गेनिक हरी सब्ज़ियों, दालों एवं मिलेट्स से निर्मित भोजन भी उपलब्ध करवाया जा सकता है। अंकुरित दालें, अनाज, दही, मक्खन, मक्का की घाट को भी लोकप्रिय बनाया जा सकता है। भारतीय स्वदेशी परंपरागत पेय पदार्थ, व्यंजन एवं मिष्ठान्न, बाजार में लोकप्रिय होने से स्वदेशीकरण, समृद्ध किसान और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा । इस तरह के सेंटरों की मदद से रोज़गार के अवसर तो बढ़ेंगे ही रासायनिक खेती से खराब होते खेतों और मानव स्वास्थ्य को भी बचाया जा सकता है।
(1) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए । दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए और उत्तर लिखिए । 1
कथन :स्वदेशी, परंपरागत और जैविक खाद्य और पेय पदार्थों की लोकप्रियता से देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी ।
कारण : स्वदेशीकरण किसानों की समृद्धि और देश की आत्मनिर्भरता का आधार है।
विकल्प :
(A)कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(B)कथन सही है, लेकिन कारण गलत है।
(C) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(D) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
(II) फास्टफूड एवं रसायन युक्त पेय पदार्थों से बचने के लिए – 1
(A)स्वदेशी भोजन एवं परंपरागत पेय का उपयोग करारा जवाब है।
(B) हर्बल-ऑर्गेनिक सामान सहजता से उपलब्ध करवाना होगा ।
(C)हर्बल-ऑर्गेनिक पेय एवं खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
(D) पाँच सितारा होटलों में ऑर्गेनिक टैग लगा भोजन खाना बेहतर है।
(III) परंपरागत भोजन को लोकप्रिय कैसे बनाया जा सकता है ? 1
i.उपलब्धता बढ़ाकर
ii.प्रचार-प्रसार द्वारा
iii.बिक्री की विशेष व्यवस्था करके
iv.घर-घर मुफ्त ऑर्गेनिक सामान बाँटकर
(IV) आत्मनिर्भर भारत का सपना कैसे पूरा होगा ? 2
(V) हर्बल फूड सेंटर कहाँ-कहाँ लाभदायक होंगे ? 2
Answer
(1) (C) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(II) (A) स्वदेशी भोजन एवं परंपरागत पेय का उपयोग करारा जवाब है।
(III) (D)i-iii
(IV) स्वदेशी परंपरागत पेय, व्यंजनों, मिठाइयों आदि को बाज़ार में लोकप्रिय बनाने से
किसानों की समृद्धि से
(V)रोजगार के नए अवसरों का विकास करने में
रासायनिक खेती से ख़राब होते खेतों और मानव स्वास्थ्य को बचाने में
13.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए :
संस्कृत में एक कहावत है कि दुर्जन दूसरों के राई के समान मामूली दोषों को पहाड़ के समान बड़ा बनाकर देखता है और अपने पहाड़ के समान बड़े पापों को देखते हुए भी नहीं देखता। सज्जन या महात्मा ठीक इससे विपरीत होते हैं। उनका ध्यान दूसरों की बजाए केवल अपने दोषों पर जाता है। अधिकांश व्यक्तियों में कोई न कोई बुराई अवश्य होती है। कोई भी बुराई न होने पर व्यक्ति देवता की कोटि में आ जाता है। मनुष्य को अपनी बुराइयों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए, न कि दूसरों की कमियों को लेकर छींटाकशी करने या टीका-टिप्पणी करने का। अपने मन की परख को पवित्र करने का सबसे उत्तम साधन है-आत्मनिरीक्षण। यह आत्मा की उन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। महात्मा कबीर ने कहा है कि जब मैंने मन की पड़ताल की, तो मुझे अपने जैसा कोई बुरा न मिला। महात्मा गाँधी ने कई बार स्पष्ट रूप से कहा था- “मैंने जीवन में हिमालय जैसी बड़ी भूलें की हैं।” अपनी भूलों पर ध्यान देना या उन्हें स्वीकार करना आत्मबल का चिह्न है। जो लोग दूसरों के सामने अपनी भूल नहीं मानते और न ही अपने को दोषी स्वीकार करते हैं, वे सबसे बड़े कायर हैं। जिसका अंतःकरण शीशे के समान उजला है, उसे झट अपनी भूल महसूस हो जाती है। मन तो दर्पण है। मन में पाप है, तो पाप दिखाई देता है। पवित्र आचरण वाले अपने मन को देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि अभी इसमें कोई कमी रह गई है, इसलिए वे अपने मन को बुरा कहते हैं। यही उनकी नम्रता की साधना है।
(i) लेखक के अनुसार, अपने मन की परख को पवित्र किया जा सकता है- (1)
(क) आत्मसम्मान द्वारा
(ख) आत्मबल द्वारा
(ग) आत्मविस्मृति द्वारा
(घ) आत्मनिरीक्षण द्वारा
(ii) जिन्हें अपनी भूल तुरंत महसूस हो जाती है, उनका अंतःकरण होता है- (1)
(क) पत्थर के समान
(ख) शीशे के समान
(ग) हिमालय के समान
(घ) देवताओं के समान
(iii) गद्यांश में ‘श्रेणी’ के लिए प्रयुक्त शब्द है – (1)
(क) पड़ताल
(ख) मामूली
(ग) टीका-टिप्पणी
(घ) कोटि
(iv) दुर्जन व सज्जन व्यक्ति अपनी किस चारित्रिक विशेषता के कारण भिन्न कहलाते हैं? (2)
(v) सज्जन व्यक्तियों की नम्रता का परिचय किस प्रकार मिलता है? (2)
ANSWER
(i) (घ) आत्मनिरीक्षण द्वारा
(ii)(ख) शीशे के समान
(iii) (घ) कोटि
(iv) उत्तर- दुर्जन केवल दूसरों की बुराइयों, दोषों में समय बर्बाद, सज्जन केवल अपने दोषों व कमियों को देखकर उन्हें सुधारने में प्रयासरत ।
(v) उत्तर- सज्जन व्यक्ति अपने मन को टटोलते है। गाँधी व कबीर जैसे सज्जन व्यक्ति सबसे पहले स्वयं को परखते थे। सज्जन व्यक्ति को लगता है कि अभी भी शायद उनमें कोई कमी रह गई है।

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