I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
- चीफ़ की दावत किसके घर पर थी?
उत्तरः चीफ़ की दावत मिस्टर शामनाथ के घर पर थी। - श्याम नाथ की पत्नी ने माँ को कहाँ भेजने के लिए कहा?
उत्तरः शामनाथ की पत्नी ने माँ को अपने सहेली के घर भेजने के लिए कहा। - शामनाथ माँ को कौन से रंग के सलवार-कमीज पहनने के लिए कहते हैं?
उत्तरः शामनाथ अपने माँ को सफेद रंग के सलवार-कमीज पहनने के लिए कहते हैं। - माँ के सब जेवर क्यों बिक गए थे?
उत्तर: माँ के सब जेवर बेटे की पढ़ाई में बिक गए थे। - माँ क्या टाल नहीं सकती थी?
उत्तर: माँ अपने बेटे शामनाथ का आदेश टाल नहीं सकती थी। - मेमसाहब को क्या पसंद आए थे?
उत्तरः मेम साहब को परदे और सोफा कवर का डिजाइन पसंद आए थे। - सभी देसी स्त्रियों की आराधना का केंद्र कौन बनी हुई थी?
उत्तरः सभी देसी स्त्रियों की आराधना का केंद्र चीफ़ की पत्नी मेमसाहब बनी हुई थी। - माँ क्या गाने लगी?
उत्तरः माँ पुराना विवाह गीत गाने लगीं। - किसने पार्टी में नया रंग भर दिया था?
उत्तर: माँ ने पार्टी में नया रंग भर दिया था। - चीफ़ साहब बड़ी रुचि से किसे देखने लगे?
उत्तर: चीफ़ साहब बड़ी रुचि से फुलकारी देखने लगे। - चीफ साहब की खुशामद करने से शामनाथ को क्या लाभ हो सकता था।
उत्तर: चीफ़ साहब की खुशामत करने से शामनाथ को तरक्की मिल सकती थी। - माँ मन ही मन किसके उज्जवल भविष्य की कामना करने लगी?
उत्तर: माँ मन ही मन अपने बेटे शामनाथ की उज्जवल भविष्य की कामना करने लगी।
उत्तरः माँ मन ही मन अपने बेटे शामनाथ की उज्जवल भविष्य की कामना करने लगी।
II निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
- शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी ने चीफ़ की दावत के लिए सुबह से क्या-क्या तैयारियाँ की?
उत्तरः घर में चीफ़ की दावत थी, तो शामनाथ और उनकी पत्नी को पसीना पोंछने की फुर्सत न थी। पाँच बजते-बजते तैयारियाँ होने लगी।कुर्सियाँ, मेज, तिपाइयाँ, नैपकिन, फूल लाकर बरामदे में रखकर सजाया गया।खाने-पीने का इंतजाम अच्छा से किया गया। घर का फालतू सामान अलमारियों के पीछे और पलंग के नीचे छुपा दिया गया।परदे और सोफ़ा कवर बदल दिए गए।शामनाथ, उनकी पत्नी और माँ क्या पहनेंगे यह भी तय किया गया। - शामनाथ और उनकी धर्म पत्नी माँ को लेकर क्यों चिंतित थे?
उत्तरः शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी माँ को लेकर चिंतित थे। क्योंकि उनकी माँ अति साधारण गाँव की रहने वाली महिला थी। उन्हें लग रहा था कि मेरी माँ चीफ़ साहब के सामने ठीक से बात नहीं कर पाएगी।माँ को नींद में जोर-जोर से खरटि लेने की आदत है। अगर उस समय वह सो गई और जोर-जोर से खरटि लेने लगी, तो चीफ़ के सामने उन्हें लज्जित होना पड़ेगा।अगर माँ को सहेली के घर भेज दूँ, तो वह भी ठीक न होगा।उन दोनों को यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि मैं क्या करूँ? इसलिए शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी माँ को लेकर चिंतित थे। - चीफ़ की दावत के समय माँ की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तरः शामनाथ की माँ सुबह से घर में चल रही तैयारी को देख रही थी, उसका दिल धड़क रहा था। वह सोच रही थी कि बेटे के दफ्तर का बड़ा साहब घर पर आ रहा है। सारा काम सुचारू रूप से सुभीते से चल जाए।वह सोच रही थी कि अगर वे हमारे सामने आ गए और इंग्लिश में कुछ पूछने लगे, तो मैं क्या जवाब दूँगी, क्या बात करूँगी?इससे ज्यादा वह अपने बेटे के गुस्सा से डरी हुई थी। इसी बात को लेकर माँ बहुत घबराई हुई थी।बेटा ने जो कपड़ा पहनने के लिए कहा था वह कपड़ा पहनकर एक कोठरी में बैठी हुई थी और वह रो रही थी, लेकिन वह अपने बेटे की तरक्की के लिए मन ही मन सोच रही थी।माँ को आँखों से ठीक से नहीं दिख पा रहा था। फिर भी अपने बेटे की तरक्की के लिए वह फुलकारी भी बनाने का वादा करती है। क्योंकि इससे साहब खुश हो जाएँगे तो मेरे बेटे की तरक्की मिल सकती है।इस तरह से माँ अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना कर रही थी। - बरामदे में पहुँचते ही शामनाथ क्यों ठिठक गए?
उत्तरः जब शामनाथ बरामदे में पहुँचे तो देखे कि माँ अपनी कुर्सी पर बैठी थी और दोनों पाँव कुर्सी के सीट पर रखी हुई लेटी हुई थी। सिर दाएँ से बाएँ झूल रहा था। मुँह से लगातार गहरे खर्राटों की आवाज आ रही थी। साडी के पल्ला सिर पर से खिसक गया था। बाल अस्त-व्यस्त बिखरे पड़े थे। इस दृश्य को देखकर शामनाथ ठिठक गए। - चीफ़ और माँ की पहली मुलाकात का वर्णन कीजिए।
उत्तरः बैठक से उठकर खाने के लिए चीफ़ जा रहे थे, तो उसी समय चीफ़ नजर शामनाथ की माँ पर पड़ी। माँ को देखते ही चीफ़ ने धीरे से कहा- पुअर डीयर। माँ अपने सामने इतने लोगों को देखकर इतना घबरा गई कि उनकी उंगलियाँ काँपने लगी। चीफ उनकी परेशानी को समझ रहे थे। और उन्हें नमस्ते कहा। चीफ ने माँ को संभालने के लिए उनसे हाथ मिलाना चाहा। लेकिन माँ माला अपने हाथ से माला छोड़ नहीं पाई और बायाँ हाथ आगे बढ़ा दी। बेटे के कहने पर उन्होंने अंग्रेजी बोलने का प्रयास किया। पर बोल नहीं पाई। आगे बढ़कर चीफ़ ने कहा- हाउ डू यू डू? उसके बाद जब शामनाथ ने कहा कि मेरी माँ गाँव की रहने वाली है, तब चीफ़ ने कहा मुझे गाँव के लोग बहुत पसंद है। तब चीफ ने गाँव की विवाह का गीत गाने के लिए आग्रह किया। तब माँ ने एक पुराना विवाह गीत गाया। साहब ने बहुत खुश हुए और जोर से तालियाँ बजाई। - माँ को आलिंगन में भर कर शामनाथ ने क्या कहा?
उत्तर: चीफ़ के कहने पर माँ की असहनीय स्थिति को जानकर भी मिस्टर शामनाथ स्वार्थवश अपनी तरक्की के लिए माँ को फुलकारी बनाने के लिए मजबूर करता है। जैसे ही दावत समाप्त हुई सारे मेहमान जा चूके थे। काफी देर होने के बावजूद भी शामनाथ ने माँ की कोठरी में जाकर उसे आलिंगन में भरकर कहा- ओ अम्मी तुमने आज नया रंग ला दिया। साहब तुमसे इतना खुश हुए कि मैं क्या कहूँ? बेटे की स्वार्थी भावना को देखकर माँ की आँखों में आँसू भर आए।
III निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे?
- ‘माँ का क्या होगा?’
उत्तरः इस प्रश्न को शामनाथ ने अपनी पत्नी से कहा। - ‘जो वह सो गई और नींद में खर्राटे लेने लगी तो।’
उत्तरः इस प्रश्न को शामनाथ की पत्नी ने शामनाथ से कहा। - ‘आज तुम खाना जल्दी खा लेना।’
उत्तरः इस प्रश्न को शाममनाथ ने अपनी माँ से कहा। - ‘जब से बीमारी से उठी हूँ नाक से साँस ही नहीं ले सकतीं।’ उत्तरःइस प्रश्न को माँ ने शामनाथ से कहा।
- ‘सच मुझे गाँव के लोग बहुत पसंद है।’
उत्तरः इस प्रश्न को चीफ़ ने शामनाथ से कहा। - वह जरूर बना देगी, आप उसे देखकर खुश होंगे।’
उत्तरःइस प्रश्न को शामनाथ ने चीफ़ से कहा।
IV संदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
- ‘इन्हें पिछवाड़े इनकी सहेली के घर भेज दो।’
प्रसंगः प्रस्तुत गद्धांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं।
संदर्भ:इस वाक्य को शामनाथ की पत्नी ने अपने पति से कहा।
स्पष्टीकरणः शाम को मिस्टर सामनाथ के घर पर चीफ की दावत थी। चीफ़ एक अंग्रेज थे। वे यदि इस दावत से खुश हुए तो शामनाथ को दफ्तर में तरक्की मिलने की संभावना थी। इसलिए शाममनाथ और उनकी पत्नी सुबह से तैयारियाँ करने में लगे हुए थे आखिर 5:00 बजे तक सब तैयारियाँ खत्म हुई। अचानक एक समस्या खड़ी हो गई कि माँ का क्या होगा? उनकी माँ अति साधारण गाँव की रहने वाली एक महिला थी। उनको लग रहा था कि मेरी माँ चीफ़ साहब के सामने ठीक से बात नहीं कर पाएगी। माँ को नींद में जो र -ज़ोर से खरटि लेने की आदत है। अगर उस समय वह सो गई और जोर-जोर से खरटि लेने लगी, तो उस समय माँ के कारण चीफ़ के सामने मुझे लज्जित होना पड़ेगा। तब शामनाथ की पत्नी ने अपने पति शामनाथ से कहा कि ‘इन्हें पिछवाड़े इनकी सहेली के घर भेज दो।’
विशेषताः अपनी स्वार्थ के लिए माँ को कष्ट नहीं देना चाहिए। - चूड़ियाँ कहाँ से लाऊँ बेटा, तुम तो जानते हो, सब जेवर तुम्हारी पढ़ाई में बिक गए।’ प्रसंगः प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं। संदर्भ: इस वाक्य को माँ ने अपने बेटे शामनाथ से कहा। स्पष्टीकरणः मिस्टर शामनाथ के घर पर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी पत्नी जोर शोर से तैयारियाँ कर रहे थे। इस दावत से अंग्रेजी चीफ़ साहब के खुश होने पर शामनाथ को तरक्की होने की संभावना थी। इसके लिए परिवार के सदस्य कौन-सा कपड़ा पहनेगा, यह शामनाथ और उनकी पत्नी ने तय कर लिया। तब शामनाथ ने अपनी माँ से कहा- माँ तुम सफेद रंग की सलवार और कमीज पहन लेना और सोने की चूड़ियाँ पहन लेना। तब माँ कहती हैं कि चूड़ियाँ कहाँ से लाऊँ बेटा? तुम तो जानते हो, सब जेवर तुम्हारी पढ़ाई में बिक गए। विशेषताः इस वाक्य में माँ की विवशता और पुत्र की स्वार्थपरता को दर्शाया गया है।
- ‘मेरी माँ गाँव की रहने वाली हैं। उम्र भर गाँव में रही हैं।’
प्रसंगः प्रस्तुत गद्धांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं।
संदर्भः प्रस्तुत वाक्य को शामनाथ ने अपने चीफ़ से कहा।
स्पष्टीकरणः मिस्टर शामनाथ के घर पर शाम को चीफ़ की दावत थी। सुबह से शामनाथ और उनकी पत्नी ने खूब तैयारियाँ की। चीफ़ साहब एक अंग्रेज साहब थे। शामनाथ की एक ही चिंता थी कि माँ को अंग्रेजी रीति-रिवाज नहीं आता है। वह अनपढ़ है। यदि चीफ़ साहब की भेंट माँ से हुई, तो क्या किया जाएगा? फिर भी माँ को अच्छे कपड़े पहनाकर उन्हें कुछ हिदायतें देकर उसके कमरे के बाहर कुर्सी पर बिठा देते हैं। लेकिन जो डर था वही हुआ। ड्रिंक पार्टी समाप्त कर, जैसे ही वे खाने के लिए बरामदे में पहुँच रहे थे कि माँ कुर्सी पर सोकर खर्राटे ले रही थी माँ को देखते ही देशी अफसरों की स्त्रियाँ हँस पड़ी। माँ हडबडाकर उठ बैठी। चीफ साहब ने उन्हें नमस्ते किया। तब माँ घबरा गई। तब शामनाथ ने अंग्रेजी चीफ़ से कहा- मेरी माँ गाँव की रहने वाली है, उम्र भर गाँव में रही है।
विशेषताः गाँव के लोग दिखावा नहीं करते हैं। - ‘क्यों माँ, साहब को फुलकारी बहुत पसंद हैं, इन्हें एक ऐसी फुलकारी बना दोगी न।’
प्रसंगः प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं।
संदर्भः प्रस्तुत वाक्य को शामनाथ ने अपनी माँ से कहा।।
स्पष्टीकरणः चीफ़ साहब माँ के हाथ की हस्तकारी की चीजें देखना चाहते हैं। तब शामनाथ माँ से कहता है- माँ अपनी हाथ की बनी फुलकारी साहब को दिखा दो ना। माँ अपने कमरे में रखी फुलकारी उठाकर लाई। लेकिन वह पुरानी थी। उसका कपडा फटने लगा था। उसके धागे टूट रहे थे। साहब की रुचि देखकर शामनाथ ने साहब से बोला यह फटी हुई है साहब। मैं आपको नई फुलकारी बनवा दूँगा । माँ बना देगी। क्यों माँ, साहब को फुलकारी बहुत पसंद हैं, इन्हें एक ऐसी फुलकारी बना दोगी न? तब माँ कहती है- बेटा! मैं बना दूँगी। जैसा बन पड़ेगा वैसा बना दूँगी।
विशेषताः माँ की विवशता को नजर अंदाज करके, बेटा की अपनी स्वार्थ की पराकाष्ठा को दिखाया है। - ‘ओ अम्मी तुमने तो आज रंग ला दिया।’
प्रसंगः प्रस्तुत गद्धांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं।
संदर्भः प्रस्तुत वाक्य को शामनाथ ने अपनी माँ से कहा है।
स्पष्टीकरणः शामनाथ के घर पर चीफ़ की दावत थी। चीफ़ साहब की ड्रिंक पार्टी खत्म होने के बाद, चीफ़ साहब शामनाथ की माँ से मिलते हैं और बहुत खुश होते हैं। साहब को पंजाबी लोग गीत बहुत पसंद था। इसलिए चीफ़ साहब ने माँ को पंजाबी लोक गीत गाने के लिए कहते हैं। तब माँ पंजाबी विवाह गीत गाती है और अपने हाथ की बनी फुलकारी बनाकर देने के लिए कहती है। तब चीफ़ साहब बहुत खुश हो जाते हैं। चीफ़ साहब के चले जाने के बाद माँ अपनी कोठरी में जाकर बैठ जाती है। और मन-ही-मन अपने बेटे के लिए दुआ माँग रही थी और डर भी रही थी कि मेरी वजह से बेटा को तो कहीं शर्मिंदा तो नहीं होना पड़ा। उसी समय शामनाथ माँ की कोठरी में जाता है। माँ शामनाथ को देखकर डर जाती है। शामनाथ ने अपनी माँ को गले लगाकर कहता- माँ तुम्हारी वजह से साहब बहुत खुश हुआ। मुझे तरक्की मिलने की संभावना है। मैं तुमसे बहुत खुश हूँ। ओ अम्मी तुमने तो आज रंग ला दिया।- विशेषताः माँ दुखी होते हुए भी अपने बेटे की उज्जवल भविष्य की कामना करती है।
- ‘जानती नहीं, साहब खुश होगा, तो मुझे तरक्की मिलेगी।’
प्रसंगः प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं।
संदर्भ: इस वाक्य को शामनाथ ने अपनी माँ से कहा।
स्पष्टीकरण: चीफ़ साहब के चले जाने के बाद शामनाथ खुशी से झूमते हुए माँ को आलिंगन में भर कर कहा- माँ तुमने तो आज रंग ला दिया। माँ आज तुम्हारी वजह से साहब बहुत खुश हुआ। तुम साहब के लिए एक फुलकारी बना दोगी तो साहब बहुत खुश होगा, तो मुझे तरक्की मिलेगी। माँ कहती है- बेटा मैं बना दूँगी। जैसा बन पड़ेगा वैसा बना दूँगी।
विशेषताः इस वाक्य में शामनाथ अपने स्वार्थ को देख रहा है, लेकिन माँ की मजबूरी को नहीं देख रहा है। - ‘तो मैं बना दूँगी बेटा जैसा बन पड़ेगा बना दूँगी ‘
प्रसंगः प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक साहित्य गौरव के चीफ़ की दावत नामक पाठ से लिया गया है, इसके लेखक डॉ. भीष्म साहनी हैं।
संदर्भ: इस वाक्य को शामनाथ ने अपनी माँ से कहा।
स्पष्टीकरणः पुरानी फुलकारी दिखाने पर अंग्रेज चीफ़ को फुलकारी बहुत पसंद आई। वैसा ही फुलकारी बनाकर देने के लिए जब बेटे ने माँ से आग्रह किया, तब माँ हरिद्वार जाने की इच्छा को टाल देती है और अपने बेटे की उज्ज्वल भविष्य के खातिर माँ फुलकारी बनाने के लिए तैयार हो जाती है और कहती है- तो मैं बना दूँगी बेटा जैसा बन पड़ेगा बना दूँगी ।
विशेषताः माँ अपने बेटे के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी इच्छा को टाल देती है
IV. वाक्य शुद्ध कीजिए:
- आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ का दावत है।
उत्तरः आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ की दावत है। - मेहमान लोग आठ बजे आएगा।
उत्तर: मेहमान लोग आठ बजे आएँगे। - तुम्हारे खर्राटों की आवाज दूर तक जाता है। उत्तरः तुम्हारे खर्राटों की आवाज दूर तक जाती है।
- माँ धीरे से उठी और अपना कोठरी में चली गयी।
उत्तरः माँ धीरे से उठी और अपनी कोठरी में चली गई। - चीफ़ के चेहरे पर मुस्कुराहट था ।
उत्तर:चीफ़ के चेहरे पर मुस्कुराहट थी।
VIII) अन्य लिंग रुप लिखिए:
- श्रीमान-श्रीमती
- विधवा- विधुर
- बूढ़ा -बुढ़िया
- साहब- साहिबा
- भतीजा -भतीजी
- देवर- देवरानी
- लड़का- लड़की
- राजपूत- राजपुतानी
V. कोष्ठक में दिए गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः
(को, से, मे, के)
- हमलोग बाग में घूमने जाएँगे ।
- हाथ से गिलास छूट गया।
- वे साहित्य और दर्शन के विद्वान थे।
- स्त्री को सम्मान देना चाहिए बताना ।
VI. निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए:
- मैने भिखारी को एक रुपया दिया। [भविष्यत काल में बदलिए) उत्तर: मै भिखारी को एक रुपया दूँगा ।
- निमोनिया के कारण रोगी मर जाएगा। [वर्तमान काल में बदलिए) उत्तर: निमोनिया के कारण रोगी मर जाता है।
- वह गदगद कण्ठ से कहता है। [भूतकाल में बदलिए] उत्तरः वह गदगद कण्ठ से कहता था।
VII. निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोडकर लिखिए:
1) टांग अडाना= बाधा डालना
2) दिल बैठ जाना= व्याकुल होना
3) आँखे फाड कर देखना= चकित होकर देखना
4) रंग बदलना= स्वभाव बदलना
5) तारे गिनना= प्रतीक्षा करना
6) जी चुराना= मेहनत से बचना
IX) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए:
1) कम खाने वाला – अल्पाहारी
2) जो दूसरों से ईर्ष्या करता- ईर्ष्यालु
3) सदा रहने वाला – शाश्वत
4) दूसरों का भला करने वाला- परोपकारी
5) जो शरण में आया हो- शरणार्थी
6) छोटा भाई अनुजा – अनुज
7) हाथ से लिखा हुआ- हस्तलिखित
8) हिंसा करने वाला- हिंसक
X) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोडकर नए शब्दों का निर्माण कीजिए:
1.) राष्ट्रपति – उप+ राष्ट्रपति = उपराष्ट्रपति
2 .) परवाह – ला + परवाह = लापरवाह
3.) ईमान – बे + बे = बेईमान
4.) सफल – अ + अ = असफल
XI) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिएः
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
1) साहित्यिक साहित्य इक
2)महत्वपूर्ण महत्व पूर्ण
3)स्वच्छता स्वच्छ ता
XII) हिंदी में अनुवाद कीजिए:
1) Can’t we live without mobile.
उत्तरः क्या हम मोबाइल के बिना नहीं रह सकते?
2) if there is no discipline in life, then there no happiness and peace.
उत्तर: यदि जीवन में अनुशासन नहीं है, तो जीवन में कोई खुशी और शांति नहीं होती है।
3) One cannot get happiness merely by aquiring money.
उत्तर: केवल धन र्अजित र्जन करने से खुशी प्राप्त नहीं होती है।
4) We are going to have dinner at 8:00 o’clock.
उत्तरः हम लोग आठ बजे रात को खाना खाते हैं।
5) it is very cloudily, and I am sure it will rain.
उत्तर: आकाश बादलों से घिरा है और मुझे विश्वास है कि वर्षा होगी।
6) Do your duty first, then ask first your right.
उत्तर: पहले अपना कर्तव्य निभाओ, तब अधिकार की बात करो।

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