i.एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
- विश्वेश्वरय्या का पूरा नाम लिखिए।
उत्तरः विश्वेश्वरय्या का पूरा नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या था। - विश्वेश्वरय्या का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तरः विश्वेश्वरय्या का जन्म मैसूर के कोलार जिले में हुआ था। - विश्वेश्वरय्या किसके बड़े पाबंद थे?
उत्तरः विश्वेश्वरय्या समय के बड़े पाबंद थे। - विश्वेश्वरय्या किस उम्र में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए?
उत्तरः विश्वेश्वरय्या 23 वर्ष की उम्र में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए। - विश्वेश्वरय्या ने किस बांध के लिए आटोमैटिक गेटों का डिजाइन किया?
उत्तर: विश्वेश्वरय्या ने खड़क वासला बांध के लिए आटोमैटिक गेटों का डिजाइन किया। - नौकरी से निवृत्त होने के बाद विश्वेश्वरय्या किस राज्य के सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए?
उत्तर: विश्वेश्वरय्या नौकरी से निवृत्त होने के बाद हैदराबाद राज्य के सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए। - किस नदी में भयंकर बाढ़ आती थी?
उत्तरः मूसी नदी में भयंकर बाढ़ आती थी। - कावेरी नदी का बांध किस नाम से मशहूर हैं?
उत्तर: कावेरी नदी का बांध कृष्णराज सागर बांध के नाम से मशहूर हैं। - 1955 में भारत सरकार ने विश्वेश्वरय्या को किस उपाधि से विभूषित किया?
उत्तर: 1955 मे भारत सरकार ने विश्वेश्वरया को भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया। - विश्वेश्वरय्या की मृत्यु कब हुई ?
उत्तरः विश्वेश्वरय्या की मृत्यु 14 अप्रैल 1962 ई. को हुई। - विश्वेश्वरय्या का जन्मदिन किस नाम से मनाया जाता है?
उत्तर: विश्वेश्वरय्या का जन्मदिन इंजीनियर डे के नाम से मनाया जाता है।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
- विश्वेश्वरया के बाल जीवन के बारे में लिखिए।
उत्तर: विश्वेश्वरय्या का जन्म कर्नाटक राज्य के कोलार जिले के मुद्देनहल्ली नामक एक गाँव में 15 सितंबर 1861 ई. को हुआ था। इनका पूरा नाम मोक्ष गुंडम विश्वेश्वरय्या था। उनके माता-पिता बहुत गरीब थे। उन्हें पढ़ाने-लिखाने की उनमें शक्ति नहीं थी। लेकिन विश्वेश्वरय्या को पढ़ने-लिखने में बहुत लगन था। वे गाँव में प्रारंभिक शिक्षा समाप्त करके हाईस्कूल की शिक्षा पाने के लिए बेंगलुरु चले गए। बैंगलोर में खर्च चलाना बहुत मुश्किल था। इसलिए विश्वेश्वरय्या ने अपने किसी एक रिश्तेदार के घर पर ठहरे और वे ट्यूशन पढ़ा कर अपना खर्च चलाने लगे। - विश्वेश्वरय्या की शिक्षा के बारे में लिखिए।
उत्तर: विश्वेश्वरय्या की प्रारंभिक शिक्षा कोलार जिले के मुद्दनहल्ली गांव में हुई थी। हाईस्कूल की शिक्षा पाने के लिए बैंगलोर पहुंचे। बैंगलोर में खर्च चलाना मुश्किल था। इसलिए वे अपने एक रिश्तेदार के घर पर ठहरे और ट्यूशन पढ़ा कर अपना खर्च चलाने लगे। वे मैट्रिक पास करने के बाद बैंगलोर सेंट्रल कॉलेज में भर्ती हुए। वहीं से विश्वेश्वरय्या ने बी.ए की शिक्षा प्राप्त की। उस समय उनकी आयु 19 साल की थी। सेंट्रल कॉलेज के प्रिंसिपल एक अंग्रेज थे। वेविश्वेश्वरय्या की योग्यता तथा गुणों से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल के नाम से एक सिफारिश पत्र लिखा। उस पत्र में विश्वेश्वरय्या की बड़ी तारीफ लिखी गई थी। विश्वेश्वरय्या को अपने कॉलेज में भर्ती ले लिया। इंजीनियरिंग की शिक्षा प्रारंभ कर दी। वे एक मिनट भी समय बर्बाद नहीं करते थे। उनकी योग्यता देखकर वहाँ के प्रिंसिपल उन्हें छात्रवृत्ति भी देने लगी। विश्वेश्वरय्या बम्बई विश्वविद्यालय भर में प्रथम श्रेणी से इंजीनियरिंग में उत्तीर्ण हुए। उन दिनों बम्बई सरकार का नियम था कि विश्वविद्यालय भर में जो भी छात्र प्रथम श्रेणी से निकलता था, उसे सरकारी नौकरी दी जाती थी। इस नियम के अनुसार विश्वेश्वरय्या अपनी 23 साल की उम्र में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए। - विश्वेश्वरया की प्रसिद्धि तथा पदोन्नति देखकर कुछ इंजीनियर क्यों जलते थे?
उत्तरः विश्वेश्वरय्या की ख्याति तथा पदोन्नति देख कुछ इंजीनियर जलते थे। इसके दो कारण थे। एक तो उनकी उम्र उस वक्त केवल 47 वर्ष की थी। और दूसरी बात थी कि अनेक पुराने तथा सीनियर इंजीनियरों से वेतन तथा पद की दृष्टि से भी आगे बढ़ गए थे। वे सुपरिडेंट इंजीनियर पहले से ही थे, उस पर भी हर बात में उनकी सलाह ली जाती थी। अपने ही पेशे के लोगों की नाखुशी देखकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तब उन्हें पेंशन मिलने की उम्मीद नहीं थी। पर उनकी विशिष्ट सेवा तथा योग्यता को देखते हुए उन्हें पेंशन की सुविधा दी जाने लगी। - हैदराबाद नवाब के सामने कौन सी मुसीबत थी? उसका समाधान विश्वेश्वरय्या ने कैसे किया?
उत्तरः जब विश्वेश्वरय्या हैदराबाद राज्य के इंजीनियरिंग सलाहकार थे। उन दिनों हैदराबाद रियासत पर निजाम नवाब का शासन था। उनके सामने एक मुसीबत आ खड़ी हुई थी कि हर वर्ष मूसी नदी में भयंकर बाढ़ आती थी। इस वजह से हैदराबाद में बहुत तबाही होती थी। इस बाढ़ का पानी हैदराबाद नगर में घुस आता था जिसके कारण साढ़े कामकाज बंद हो जाते थे। इसके उपायों के लिए विश्वेश्वरय्या ने मूसी नदी के पानी को काबू करने की योजना बनाई। नदी के दोनों साइड से बांध बनवाया, साथ ही हैदराबाद नगर के लिए पानी तथा नालियों का भी बड़ा अच्छा इंतजाम किया। जिससे शहर् और गांव का पानी नालियों के द्वारा नदी में निकल जाता था। जिससे नवाब साहब की मुसीबत टल गई। - मैसूर राज्य के विकास में विश्वेश्वरय्या के योगदान के बारे में लिखिए।
उत्तर: मैसूर राज्य के विकास में विश्वेश्वरय्या का बहुत बड़ा योगदान है। इनकी कार्यकुशलता एवं शासन को देखकर मैसूर के राजा कृष्णराज वोडेयर मुग्ध हो गए। वे अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए मैसूर बुला लिया। और उन्हें मैसूर के चीफ इंजीनियर के पद पर नियुक्त कर दिया। इस पद पर उन्होंने तीन वर्षों तक काम किया। विश्वेश्वरय्या के कार्य-कुशलता को देखकर इनको दीवान पद पर नियुक्त कर दिया। इस पद पर इन्होंने छः वर्षों तक काम किया। ये नौ वर्षों की अवधि में विश्वेश्वरय्या ने कावेरी नदी पर बांध बनवाया। जो अब कृष्णराज सागर के नाम से मशहूर हैं। इस बांध से वहाँ उद्योगों के लिए बिजली प्राप्त होने लगी। वहीं पर हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए पानी की भी व्यवस्था हो गई। वहीं पर वृन्दावन गार्डन्स आर. एस डैम के पास बनवाया। उसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं और देखते हैं। विश्वेश्वरय्या ने मैसूर राज्य में चंदन का तेल, सीमेंट, साबुन, इस्पात तथा कागज के कारखाने खोलवाए। इस तरह से नई योजनाओं के द्वारा मशहूर राज्य की आमदनी बढाई। इस प्रकार विश्वेश्वरय्या ने मैसूर राज्य को इंद्रपुरी बना दिया। - विश्वेश्वरय्या के गुण स्वभाव का परिचय दीजिए।
उत्तरः विश्वेश्वरय्या एक कर्मयोगी व्यक्ति थे। वे समय के बडे पाबंद थे। वे समय के सदुपयोग के बारे में अच्छी तरह जानते थे। वे अपना हर कार्य समय पर करते थे। वे स्वभाव से नम्र व्यक्ति थे। जिंदगी भर देश की तथा मानव समाज की सेवा में लगे रहे। वे विनयशील तथा साधु प्रकृति के व्यक्ति ईमानदारी तो उनके चरित्र की अटूट अंग था। उनका विश्वास था कि भारत में आलसियों की संख्या अधिक है। इसलिए हमारा देश अमेरिका, जापान की तरह तरक्की नहीं कर पा रहा है। उनका विश्वास था कि जिस दिन हम अपने आलसीपन को त्याग देंगे, उसी दिन से हमारे देश का विकास हो सकेगा। वे अपने आप पर कभी घमंड नहीं करते थे। वे सदा अपने देश के विकास के सपने देखते रहें।
III.वाक्य शुद्ध कीजिए:
- सुमन माधव का पुत्री है।
उत्तरःसुमन माधव की पुत्री हैं। - मैं नया पोशाक पहनूंगा ।
उत्तर:मैं नई पोशाक पहनूंगा । - मेले में अनेको दुकानें थी ।
उत्तर: मेले में अनेक दुकानें थी। - तुलसीदास ने रामचरित मानस का रचना की।
उत्तरः तुलसीदास ने रामचरित्र मानस की रचना की।
IV. कोष्ठक में दिए गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः
(का, के, को, मे)
- बैंगलोर में खर्च चलाना मुश्किल था।
- विश्वेश्वरय्या समय के बड़े पाबंद थे।
- सिंद्ध का बहुत बड़ा भाग रेगिस्तान है।
- पानी को इकट्ठा करना था।
V. निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए:
- माली पौधों को पानी दे रहा है। [भविष्यत काल में बदलिए) उत्तर: माली पौधों को पानी देगा।
- सरला गाना गाती थी। [वर्तमान काल में बदलिए) उत्तर: सरला गाना गाती है।
- कुछ और पहले की घटना याद आती है। [भूतकाल में बदलिए) उत्तरः कुछ और पाले की घटना याद आती थी।
VI. निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोडकर लिखिए:
1) लाल पीला होना = क्रोध करना
2) आँख रखना = निगरानी करना
3) कमर कसना = तैयार होना
4) पानी-पानी होना = लज्जित होना
5) गुलछर्रे उड़ाना = मौज मस्ती करना
6) खिल्ली उड़ाना = हँसी-मजाक उड़ाना
VII. अन्य लिंग रुप लिखिए:
1) सदस्य – सदस्या,
(2) छात्र -छात्रा
(3) पुरुष -स्त्री
(4) गुडडा- गुड़िया
(5) क्षत्रिय- क्षत्राणी,
6) जोगी – जोगिन,
(7) पिता -माता,
(8) महाराजा -महारानी
(9) हिरण -हिरणी
(10) बाल – बालिका
VIII. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए:
1) जिसका कोई आधार न हो – निराधार
2) जो पुत्र गोद लिया हो – दत्तक/पोष्यपुत
3) जो दान कर्ता हो – दानी
4) जिसमें दया हो – दयावान
5) बड़ा भाई – अग्रज
6) घूमने फिरने वाला – घुमंतू
7) छोटा भाई – अनुज
8) जो दान कर्ता हो – दानी
9) जिसमें दया न हो – निर्दयी
10) जो रात में चलता हो – निशाचर
IX. निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोडकर नए शब्दों का निर्माण कीजिए:
शब्द उपसर्ग मूल शब्द नए शब्द
1) किस्मत खुश + किस्मत = खुशकिस्मत
2) कार – अधि + कार = अधिकार
3) नाम – बद + नाम = बदनाम
4) शब्द – अप+ शब्द = अपशब्द
X. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए:
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
1) कठिनाई – कठिन आई
2) महँगाई – महँगा आई
3) पागलपन पागल पन
XI) हिंदी में अनुवाद कीजिए-
1) This rumour cannot be believed.
उत्तरः यह अफवाह अविश्वसनीय है।
2) Human wants are unlimited, but resources are limited.
उत्तरः मानव की आवश्यकता बहुत है, परंतु हमारे संसाधन सीमित हैं।
3) Human being is the finest creation of God.
उत्तरः भगवान की सुंदरता कृति मानव है।
4) School is the foundation of learning.
उत्तरः विद्यालय ही अध्ययन की नींव है।
5) He spent the whole day taking to my yesterday.
उत्तरः वह कल मेरे साथ बाते करते हुए पूरे दिन बिताया।
6) Are you coming home with me?
उत्तरः क्या तू मेरे साथ घर आ रहे हो?

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