1 एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिएः

  1. महादेवी वर्मा की बाल सखी का नाम लिखिए।
    उत्तरः महादेवी वर्मा की बाल सखी का नाम बिंदा था।

2.महादेवी वर्मा को किसका अनुभव बहुत संक्षिप्त था?

उत्तरः महादेवी वर्मा को संसार का अनुभव बहुत संक्षिप्त था।

3.पंडिताइन चाची के अलंकार उन्हें किसकी समानता देते थे?

उत्तरः पंडिताइन चाची के अलंकार उन्हें गुडिया की समानता देते थे।

4.बिन्दा का काम लेखिका को किस के तमाशे के जैसा लगता था?

उत्तरः बिन्दा का काम लेखिका को बाजिगर के तमाशे के जैसा लगता था।

5.बिन्दा की आँखें लेखिका को किसकी यादें दिलाती थी?

उत्तरः बिन्दा की आँखें लेखिका को पिंजरे में बंद चिड़िया की यादें दिलाती थी।

6.बिंदा ने तारे गिनते-गिनते एक चमकीले तारे की ओर ऊँगली उठाकर क्या कहा?

उत्तरःबिन्दा ने तारे गिनते-गिनते एक चमकीले तारे की ओर उँगली उठाकर कहा के वह रही मेरी अम्मा।

7) महादेवी वर्मा ने रात को अपनी माँ से बहुत अनुनय पूर्वक क्या कहा?

उत्तरःमहादेवी वर्मा ने रात को अपनी माँ से बहुत अनुनय पूर्वक कहा के तुम कभी तारा ना बनना चाहे भगवान कितना ही चमकीला तारा बना दे।

8)  महादेवी वर्मा किसके न्यायालय से मिलने वाले दण्ड से परिचित हो चुकी थीं?

उत्तरःमहादेवी वर्मा पंडिताइन चाची के न्यायालय से मिलने वाले दंड के परिचित हो चुकी थी।

9) महादेवी वर्मा को किसकी पत्तियाँ चुभ रही थीं?

उत्तरःमहादेवी वर्मा को घास की पत्तियां चुभ रही थी।

10) किसने बिन्दा के पैरों पर तिल का तेल लगाया?

उत्तरःबिन्दा के पैरों पर तिल का तेल महादेवी वर्मा की मां ने लगाया

11) महादेवी वर्मा के लिए कौन त्रिकालदर्शी से कम न थी ?

उत्तरःमहादेवी वर्मा के लिए रूकिया त्रिकालदर्शी से कम न थी।


।।.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

  1. महादेवी वर्मा को बिंदा की याद क्यों आ गई?
    उत्तरः एक सज्जन आदमी ने अपनी बेटी को प्रवेश दिलाने के लिए स्कूल आए हुए थे। उसकी कमजोर बेटी डरी हुई थी। उम्र ठीक न बताए जाने के कारण प्रवेश पत्र लौटा दिया गया था। लेखिका ने सुना कि वह सज्जन की दूसरी पत्नी है, तो अचानक महादेवी वर्मा को बिंदा की याद आ गई।
  2. महादेवी वर्मा को पंडिताईन चाची का कौन-सा रुप आकर्षित करता था?
    उत्तरः पंडिताईन चाची जब रंगीन साडी में सज-धजकर लाल स्याही की सिंदूर लगाकर, आँखों में काजल डालकर, चमकीले कर्णफूल, गले की माला, नकदार रंग-बिरंगी चुडिया और घुंघरूवाले बिछुए पहनकर श्रृंगार करतीं तो लेखिका महादेवी वर्मा को वह गुड़िया की तरह बहुत अच्छी लगती थी। महादेवी वर्मा को यही रुप आकर्षित करता था।
  3. महादेवी वर्मा के कभी-कभी छत पर जाकर देखने पर बिंदा क्या-क्या करते दिखाई देती थी?
    उत्तरः जब कभी महादेवी वर्मा छत पर जाकर देखती तो बिंदा झाडू लगाती हुई, कभी आग जलती हुई, कभी आंगन से पीने का पानी भरती हुई, तो कभी नई माँ को दूध का कटोरा देती हुई दिखाई देती थी। ये सब बाजीगर के तमाशे की तरह लगता था।
  4. बिन्दा अपनी नई अम्मा से किस प्रकार डरती थी?
    उत्तरः बिन्दा नई अम्मा से बहुत डरती थी। यहाँ तक कि थोड़ी बहुत ही आवाज आती अथवा आहट होती तो, वह काँपने लगती थी कि न जाने अब क्या होगा। नई अम्मा की आवाज सुनते ही बिंदा थर-थर काँपने लग जाती थी।
  5. महादेवी वर्मा ने दोपहर के समय सबकी आंख बचाकर बिंदा के घर पहुंचने पर क्या देखा?
    उत्तरः महादेवी वर्मा एक दिन दोपहर को सबकी आँख बचाकर बिन्दा के घर पहुँची, तो देखा कि नीचे के सुनसान खंड में बिंदा अकेली खाट पर पड़ी थी। आँखें धंस गई थी। लेखिका चकित चारों ओर देखती रह गई। बिंदा ने कुछ संकेत और कुछ अस्पष्ट शब्दों में बताया कि नई अम्मा मोहन के साथ ऊपर रहती है। शायद वह मेरी चेचक के डर से ऊपर रहती है।
  6. बिन्दा के घर के सामने भीड़ देखकर लेखिका के मन में क्या विचार आने लगे?
    उत्तरः बिंदा के घर के सामने भीड़ देखकर लेखिका ने सोचा कि पंडित जी का विवाह तो दूसरी पंडिताइन चाची के मरने के बाद होगा। मोहन तो अभी छोटा है। शायद बिंदा का विवाह हो रहा होगा और उसने मुझे बुलाया तक नहीं। महादेवी वर्मा अपमानित होकर बिंदा को किसी भी शुभ कार्य में न बुलवाने की ठान ली।

III. निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे?

  1. “क्या पंडिताइन चाची तुम्हारी तरह नहीं है।”
    उत्तरः इस वाक्य को महादेवी वर्मा ने अपनी माँ से कहा।
  2. “वह रही मेरी अम्मा।”
    उत्तरः इस वाक्य को बिंदा ने महादेवी वर्मा से कहा।
  3. ” तुम कभी तारा न बनना, चाहे भगवान कितना ही चमकीला तारा बनावें।”
    उत्तरः इस वाक्य को महादेवी वर्मा ने अपनी माँ से कहा।

IV संदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:

  1. उठती है या आऊँ,’ बैल के-से दीदे क्या निकाल रही है?’ ‘मोहन का दूध कब गर्म होगा,’अभागी मरती भी नहीं आदि।
    प्रसंगः प्रस्तुत वाक्य को लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखित ‘बिन्दा’ पाठ से लिया गया है।
    संदर्भ: इस वाक्य को पंडिताइन चाची ने बिंदा से कहा।
    स्पष्टीकरणः जब सर्दी के दिनों में लेखिका को देरी से उठाया जाता, गर्म पानी से हाथ मुँह धुलाई जाते, जूते और ऊनी कपड़े पहनाए जाते थे, जबरदस्ती गर्म दूध पिलाया जाता था। तब पड़ोस के घर में पंडिताई चाची की आवाज कठोर शब्दों में सुनाई देती थी। अभागी तू अभी उठी नहीं। जल्दी से जाकर दूध ला, अभागी मर भी नहीं जाती।
    विशेषताः सौतेली माँ सौतेली बच्चे को नीचे निगाह की दृष्टि से नहीं देखती हैं और अभद्र व्यवहार करती है।
  2. तुम नई अम्मा को पुरानी अम्मा क्यों नहीं कहती, फिर वे न नई रहेंगी और न डांटेगी।
    प्रसंगः प्रस्तुत वाक्य को लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखित ‘बिन्दा’ पाठ से लिया गया है।
    संदर्भः प्रस्तुत वाक्य को महादेवी वर्मा ने अपनी सहेली बिंदा से कहा।
    स्पष्टीकरणः बिन्दा की सौतेली माँ का उस पर अत्याचार होते देखकर लेखिका को बहुत दुख होता है। उनके बालसुलभमन में यह बात बैठ जाती है कि इस अम्मा को ईश्वर बुला लेता है, वह तारा बन कर ऊपर से अपने बच्चों को देखती रहती है और जो बहुत सज-धज से घर में आती है। वह बिंदा की नई अम्मा जैसी होती है। लेखिका की बुद्धि सहज ही पराजय स्वीकार करना नहीं जानती। इसी से उन्होंने सोचकर कहा कि यदि बिंदा अपनी नई अम्मा को पुरानी अम्मा कहेगी तो, फिर वे नई नहीं रहेंगी और न डांटेगी।
    विशेषताः अपनी अम्मा जैसा सौतेली माँ सौतेले बच्चे को आदर नहीं देती है।
  3. ‘पंडिताइन चाची के न्यायविधान में न क्षमा का स्थान था, न अपील का अधिकार।’
    प्रसंगः प्रस्तुत वाक्य को लेखिका महादेती तर्मा द्वारा लिखित ‘बिन्दा’ पाठ से लिया गया है।
    संदर्भः प्रस्तुत वाक्य को लेखिका महादेवी वर्मा ने अपने-आप से कह रही है।
    स्पष्टीकरणः एक दिन दूध गर्म करते समय दूध उफनकर बाहर निकलने लगा। बिंदा उसे उठाने की कोशिश करने लगी, पर वह दूध उसके पैरों पर गिर गया और पैर जल गया। लेकिन माँ के पास जाने की बजाय अपनी सहेली के घर की कोठरी में छुप जाती है। तभी उन्हें पंडिताइन चाची की उग्र आवाज सुनाई देती है। लेखिका की माँ बिंदा के जले पैरों पर तिल का तेल लगाती है और उसे उसके घर भिजवा देती है। उसकी नई अम्मा उसके प्रति सहानुभूति न दर्शाते हुए सेवा करने के बजाय कठोर शब्दों से डाँटना, मारना शुरू करती है। तब महादेवी वर्मा कहती है। लगता है कि पंडिताइन चाची के न्यायविधान में न क्षमा का स्थान है न अपील का अधिकार है।
    विशेषताः इस वाक्य में सौतेली माँ के क्रूर व्यवहार का वर्णन किया गया है।


V.कोष्ठक में दिए गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः
(को, की, पर, से)

  1. बिन्दा की समस्या का समाधान न हो सका।
  2. बिन्दा को मेरा उपाय कुछ जँचा नहीं।
  3. उसके घर जाने से माँ ने मुझे रोक दिया था।
  4. चूल्हे पर चढ़ाया दूध उफना जा रहा था।


vi .अन्य लिंग रूप लिखिए:

  1. भिखारिन – भिखारी
  2. पंडिताइन- पंडित
  3. लेखिका -लेखक
  4. बैल -गाय
  5. चाची – चाचा
  6. नाना – नानी
  7. दादी -दादा
  8. विद्यार्थिनी -विद्यार्थी
  9. बालिका- बालक
  10. बुद्धिमती -बुद्धिमान

vii .अन्य वचन के रूप लिखिए:
1) बच्चा – बच्चे
(2) कोठरी- कोठरियाँ
(3) सीढी -सीढ़ियाँ
(4) मुद्रा- मुद्राएँ
(6) दरवाजे – दरवाजा
(7) उंगली – उंगलियाँ


viii. विलोम शब्द लिखिए:
1) दुर्लब × सबल
(2) स्पष्ट X अस्पष्ट
(3) ज्ञात X अज्ञात
(4) मृत्यु X जन्म
(5) स्वर्ग x नरक
(6) पुण्य x पाप
(7) सुंदर x असुन्दर / कुरूप
(8) न्याय X अन्याय
(9) स्वाभाविक X अस्वाभाविक
(10) ऊपर x नीचे

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