- अव्ययीभाव समास की विशेषता बताते हुए एक उदाहरण दीजिए।
- ‘अपने ही विषय में सोचना पशुओं की प्रवृत्ति है।’ वाक्य में रेखांकित पदों के स्थान पर समस्तपद लिखकर समास का भेद लिखिए।
- ‘दोपहर’ समस्तपद का विग्रह करते हुए समास का नाम भी लिखिए।
- ‘दाल-भात’ समस्तपद किस समास का उदाहरण है और क्यों ?
- बहुव्रीहि और कर्मधारय समास में क्या अंतर है ?
- ‘वीर कर्ण ने परार्थ के लिए शरीर का चर्म भी सहर्ष दे दिया था।’ वाक्य में रेखांकित पदों के स्थान पर एक समस्तपद और उसका भेद लिखिए।
- ‘सप्ताह’ पद का विग्रह करते हुए समास का नाम भी लिखिए।
- ‘माता-पिता’ पद किस समास का उदाहरण है और क्यों ?
- तत्पुरुष समास की विशेषता बताते हुए एक उदाहरण भी दीजिए।
- ‘वाल्मीकि द्वारा कृत रामायण में लव-कुश प्रसंग का उल्लेख मिलता है।’ वाक्य में रेखांकित पदों के स्थान पर एक समस्तपद और उसका भेद लिखिए।
- ‘पंजाब’ पद का विग्रह करते हुए समास का नाम भी लिखिए।
- ‘गंगा-जमुना’ पद किस समास का उदाहरण है और क्यों ?
- कर्मधारय समास की विशेषता बताते हुए एक उदाहरण दीजिए।
- ‘स्वाधीन’ समस्त पद का विग्रह करके भेद भी लिखिए।
- ‘निस्संदेह’ समस्त पद किस समास का उदाहरण है?
- ‘नीलगगन’ समस्त पद किस समास का उदाहरण है और कैसे?
- तीन वेणियों (नदियों) का संगम स्थल समस्तपद बनाकर भेद का नाम लिखिए :
- ठंडा या गर्म समस्तपद बनाकर भेद का नाम लिखिए :
Answer
- प्रथम पद अव्यय होता है और समस्त पद अव्यय का कार्य करता है। जैसे प्रतिदिन, आजीवन (अन्य उपयुक्त उदाहरण स्वीकार्य)
- पशुप्रवृत्ति- तत्पुरुष समास
- दो पहरों का समूह/समाहार- द्विगु समास
- द्वंद्व समास – दोनों पद प्रधान
- बहुब्रीहि समास में पूर्व और उत्तर पद प्रधान न होकर अन्य पद प्रधान होता है जबकि कर्मधारय समास में उत्तर पद प्रधान होने के साथ दोनों पदों में विशेषण- विशेष्य या उपमान-उपमेय का संबंध होता है।
- शरीरचर्म- तत्पुरुष समास
- सात दिनों का समूह – द्विगु समास
- द्वंद्व समास – दोनों पद प्रधान
- तत्पुरुष समास में उत्तर पद (दूसरा पद) प्रधान होता है। राजकुमार, प्रयोगशाला
- वाल्मीकिकृत – तत्पुरुष समास
- पाँच आबों (नदियों) का समूह – द्विगु समास
- द्वंद्व समास – दोनों पद प्रधान
- कर्मधारय समास में उत्तर पद प्रधान होने के साथ दोनों पदों में परस्पर विशेषण- विशेष्य या उपमान-उपमेय का संबंध, उदाहरण – श्वेतकमल, क्रोधाग्नि
- स्व के अधीन – तत्पुरुष समास
- अव्ययीभाव समास
- नीला है जो गगन – कर्मधारय समास क्योंकि प्रथम पद नीला विशेषण है और ‘गगन’ विशेष्य
- त्रिवेणी – बहुव्रीहि समास
- ठंडा-गर्म – द्वंद्व समास

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