बड़े भाई साहब
- छोटा मुँह बड़ी बात – हैसियत से बढ़-चढ़कर बोलना
- पहाड़ होना – कठिन- कार्य
- प्राण सूखना – भयभीत होना
- हँसी-खेल न होना – आसान कार्य होना
- ऐरा-गैरा नत्थू-खैरा – महत्वहीन व्यक्ति
- आँखें फोड़ना – बहुत पढ़ना
- खून जलाना – बहुत मेहनत करना
- घोंघा होना – मूर्ख होना
- गाढ़ी कमाई – मेहनत की कमाई
- आँसू बहाना – रोना
- सूक्ति-बाण चलाना – व्यंग्यपूर्ण चुभती बातें कहना
- जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना – बहुत दुःखी होना
- हिम्मत टूट जाना – निराश होना
- जान तोड़कर – शरीर को कष्ट देकर
- बूते के बाहर होना – सामर्थ्य के बाहर
- निराशा के बादल फट जाना – निराशा का दुःख समाप्त हो जाता
- दबे पाँव आना – चुपचाप आना
- सिर पर एक नंगी तलवार-सी लटकती मालूम होना – हमेशा खतरा बना रहना
- घुड़कियाँ खाना – गुस्से से भरी बातें सुनना
- आड़े हाथों लेना – डाँटना/कठोरतापूर्ण व्यवहार करना
- घाव पर नमक छिड़कना – दुःखी को और दुःखी करना
- खून जलाना – बहुत मेहनत करना
- तीर मार लेना – बड़ी सफलता पाना
- हेकड़ी जताना – अभिमान/ गर्व करना
- तलवार खींच लेना- आक्रमण के लिए तैयार होना
- टूट पड़ना – तेजी से झपटना
- दिमाग होना – अहंकार होना/घमंड होना
- नाम-निशान तक मिटा देना – पूरी तरह समाप्त कर देना
- एक चुल्लू पानी – थोड़ी-सी भी सहायता
- सिर फिरना – बुद्धि काम न करना
- अंधे के हाथ बटेर लगना – भाग्यवश अच्छी वस्तु मिल जाना
- अंधा-चोट निशान पड़ना – अचानक ही कोई वस्तु मिलना
- दाँतो पसीना आ जाना – बहुत अधिक परेशानी उठाना
- लोहे के चने चबाना – असंभव कार्य करना
- बे-सिर-पैर की बातें – बेकार की ऊटपटांग बातें
- चार पन्ने रँगना – बेकार में लिखना
- पापड़ बेलना – मुसीबतों का सामना करना
- आटे-दाल का भाव मालूम होना – सच्चाई का पता लगना
- गिरह बाँधना – अच्छी तरह समझना
- हाथ -पाँव फूलना – डर जाना
- ज़हर लगना – बुरा लगना

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