Grade -10 previous year board questions (Bade bhai sahab)
- ‘बड़े भाई साहब’ कहानी के आधार पर लगभग 30 शब्दों में लिखिए कि लेखक ने समूची शिक्षा प्रणाली के किन पहलुओं पर व्यंग्य किया है? आपके विचारों से इसका क्या समाधान हो सकता है ? तर्कपूर्ण उत्तर लिखिए ।
उत्तर -रटंत विद्या पर बल ,परीक्षा पास करना ही योग्यता का आधार मानना
केवल पुस्तकीय ज्ञान पर बल ,तार्किक एवं स्वतंत्र चिंतन का अभाव
समुचित मूल्यांकन का अभाव - ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचारों से सहमत हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर –शिक्षा का व्यावहारिक उपयोगी न होना।
रटने की प्रवृत्ति पर जोर अधिक लिखने पर जोर
दोषपूर्ण परीक्षा प्रणाली
परीक्षा में प्राप्त अंकों को अधिक महत्व दिया जाना
पुस्तकीय ज्ञान पर निर्भरता आदि। - प्रश्न -बड़े भाई साहब के कुछ कथनों से तत्कालीन शिक्षा-व्यवस्था के कुछ विशेष पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है उनका उल्लेख करते हुए लिखिए कि आज की शिक्षण-व्यवस्था में किस प्रकार के परिवर्तन आप पाते हैं?
उत्तर-
शिक्षा का व्यावहारिक उपयोगी न होना
रटने की प्रवृत्ति पर ज़ोर अधिक लिखने पर
जोर दोषपूर्ण परीक्षा प्रणाली परीक्षा में प्राप्त
अंकों को अधिक महत्व दिया जाना
पुस्तकीय ज्ञान पर निर्भरता आदि - पढ़ाई और परीक्षाओं के प्रति बड़े भाई साहब और छोटे भाई के दृष्टिकोण में क्या मौलिक अंतर है? आपके विचार से दोनों में सामंजस्य किस प्रकार बिठाया जा सकता है?
उत्तर -बड़े भाई पढ़ाई को जीवन से जोड़कर उसके व्यावहारिक और उपयोगी रूप को देखते थे जबकि छोटे भाई के लिए यह अरुचिपूर्ण और सामान्य-सी बात थी।
बड़े भाई परीक्षा-प्रणाली को दोषपूर्ण और असंगत मानते थे जबकि छोटे भाई के लिए परीक्षा एक सामान्य प्रक्रिया थी आदि। - ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के आधार पर लिखिए कि परिश्रमी, जिम्मेदार और बुद्धिमान होने पर भी बड़े भाई साहब बार-बार असफल क्यों हो जाते थे?
उत्तर-पढ़ाई, पाठ्यक्रम और पूरी शिक्षा व्यवस्था के प्रति नकारात्मक भाव और अरुचि
बड़े भाई के अनुसार शिक्षा का व्यवहारोपयोगी न होना
छोटे भाई के प्रति उत्तरदायित्व के अहसास के कारण अतिरिक्त मानसिक दवाब और असामान्य-अस्वाभाविक दिनचर्या | - छोटा भाई अपना अधिकांश समय खेलने-कूदने और अपने शौक पूरे करने में लगाता था, जिसके लिए उसे अपने बड़े भाई साहब से डॉट भी पड़ती थी, फिर भी वह कक्षा में अव्वल दर्जे से पास कैसे हो जाता था?
उत्तर-बुद्धिमान होना
पढ़ाई को कम समय देने पर भी ध्यान से पढ़ना
कक्षा में अपमान से बचने और अध्यापकों की नज़र में अच्छा बने रहने के लिए प्रयास करना
बड़े भाई साहब की डॉट और उनके प्रति आदर-भाव होना - खेलों में रुचि होते हुए भी बड़े भाई साहब अपने शौक को पूरा क्यों नहीं कर पाते थे?
उत्तर-दायित्वबोध के कारण
छोटे भाई को सही राह पर चलाने के लिए
उसके सामने आदर्श प्रस्तुत करने के लिए - बड़े भाईसाहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?
उत्तर-ज़िम्मेदारी एवं कर्तव्यबोध के कारण
छोटे भाई के सामने आदर्श प्रस्तुत करने के लिए , उसे बेराह होने से रोकने के कारण - ‘बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने ?’ ‘बड़े भाई साहब’ कहानी के इस कथन के माध्यम से क्या सीख मिलती है ?
उत्तर- बचपन से ही जीवन में सुदृढ़ता
- स्थिरता लाने के लिए कठिन परिश्रम आवश्यक
- शिक्षा रूपी भवन की बुनियाद जितनी मजबूत होगी
- भविष्य उतना ही उन्नत होगा
10. बड़े भाईसाहब को तात्कालिक शिक्षा व्यवस्था से क्या-क्या शिकायतें थीं ? ‘बड़े भाईसाहब’ कहानी के आधार पर लिखिए।
- उत्तर-किताबी ज्ञान और रटंत विद्या पर जोर,
- व्यावहारिकता से दूर और वास्तविक जीवन से संबंधित नहीं ।
- लेखन कौशल ही मूल्यांकन का आधार, पाठ्यक्रम में ऐसी बातें भी शामिल जिसकी व्यावहारिक जीवन में प्रासंगिकता नहीं ।

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