तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेन्द्र Grade -10 previous year board questions
- हमारी फिल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ‘ग्लोरीफाई’ क्यों कर दिया जाता है? ‘तीसरी कसम’ के शिल्पकार शैलेन्द्र के आधार पर उत्तर दीजिए ।
उत्तर- भावनात्मक शोषण के लिए व्यावसायिक दृष्टि से लाभ कमाने के लिए।
अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
2.तीसरी क़सम फ़िल्म में राजकपूर अभिनय नहीं करता। वह हीरामन के साथ एकाकार हो गया है। ‘तीसरी क़सम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के संदर्भ में कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। –
• लोकप्रिय फ़िल्मों के प्रतिष्ठित कलाकार होने के बावजूद शुद्ध देहाती गाड़ीवान हीरामन के चरित्र का प्रभावी अभिनय
• सिर्फ दिल की जुबान समझने वाले भोले गाड़ीवान के चरित्र में डूब जाना
3.’शैलेंद्र सिनेमा की चकाचौंध के बीच रहते हुए भी यश और धन-लिप्सा से कोसों दूर थे ।’
‘तीसरी क़सम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के संदर्भ में सिद्ध कीजिए।
• राजकपूर द्वारा फ़िल्म की संभावित असफलता के खतरों से आगाह किए जाने के बाद भी फ़िल्म बनाना
• शंकर जयकिशन के कहने पर भी गीत के बोल में परिवर्तन के लिए तैयार न होना
• आत्मसंतुष्टि के लिए फ़िल्म बनाना
4, शैलेंद्र ने साहित्य की एक अत्यंत मार्मिक कृति को सैल्यूलाइड पर पूरी सार्थकता से उतारा है।’तीसरी क़सम’ फ़िल्म के आधार पर सिद्ध कीजिए।
• फ़िल्म में कविता जैसी संवेदना और भाव-प्रवणता
• पात्रों का अभिनय जीवंत एवं सहज
• फ़िल्म के गीत कविता की भाँति मार्मिक
5.राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित ‘तीसरी क़सम’ फ़िल्म को प्रदर्शित करने के लिए वितरक क्यों नहीं मिल रहे थे?
• इस फिल्म की संवेदना को समझना धन कमाने की इच्छा रखने वाले वितरकों की समझ से बाहर
• यह फ़िल्म लोकप्रियता के प्रचलित फार्मूले से परे
• फ़िल्म का प्रचार-प्रसार न होना

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