Grade -10 previous year board questions(Meera ke pad )मीरा के पद
मीरा के पद
1. मीराबाई ने श्रीकृष्ण से अपनी पीड़ा हरने की प्रार्थना किस प्रकार की है? अपने शब्दों में लिखिए।
भक्ति भाव से मनुहार करते हुए द्रौपदी, भक्त प्रह्लाद एवं गजराज के उदाहरण देकर
2.कृष्ण की लीलाओं एवं महिमा वर्णन के पीछे मीराबाई का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर-
श्रीकृष्ण के सामर्थ्य और पुरुषार्थ को जन-सामान्य तक पहुँचाना
उनके भक्तवत्सल स्वरूप का उदाहरण देते हुए लोगों के साथ-साथ स्वयं की भी पीड़ा हरने का निवेदन करना
3 .श्रीकृष्ण की चाकरी करने के पीछे मीराबाई की क्या अभिलाषा थी?
उत्तर-
मीरा के द्वारा कृष्ण लीलाओं एवं कृष्ण महिमा का वर्णन इसलिए किया गया है क्योंकि मीरा अपने आराध्य श्री कृष्ण की दयालुता, कृपा व भक्तवत्सलता का परिचय देना चाहती हैं। मीरा की दृष्टि में उनके आराध्य सदा अपने भक्तों की सहायता करते हैं, अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। भगवान श्री कृष्ण सदा अपने भक्तों पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। मीरा को विश्वास है कि श्री कृष्ण उनका भी उद्धार करेंगे।
4.श्रीकृष्ण की चाकरी करने से मीराबाई को कौन-कौन से लाभ होंगे?
- श्रीकृष्ण का सान्निध्य प्राप्त करना
- दर्शन, सुमिरन और भक्ति का अवसर पाना
5. ‘मीराबाई’ के पद के आधार पर लिखिए कि अभीष्ट की प्राप्ति के लिए वह सेविका बनने के लिए भी क्यों तैयार है।
- श्री कृष्ण का सान्निध्य पाने के लिए कोई भी कार्य करने को तत्पर
- दर्शन, सुमिरन, भक्ति का लाभ पाने के लिए
6.मीराबाई कृष्ण की चाकरी कर क्या-क्या लाभ कमाना चाहती है?
मीराबाई कृष्ण की चाकरी कर श्रीकृष्ण का प्रतिदिन दर्शन पाना चाहती हैं। मीरा श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहना चाहती हैं। मीरा श्रीकृष्ण की यादों में सदा लीन रहना चाहती है। वृंदावन की गलियों में श्रीकृष्ण की लीलाओं का गुणगान करना चाहती है। मूल रूप से मीरा श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति की भावना को बनाए रखना चाहती हैं क्योंकि श्रीकृष्ण की भक्ति ही मीरा के लिए सबसे बड़ी जागीर है, सबसे महत्त्वपूर्ण है।
7.भक्ति के विषय में मीरा क्या संदेश देना चाहती है?
भक्ति के विषय में मीरा यह संदेश देना चाहती हैं कि ईश्वर भक्ति के लिए ‘सुमिरन’ की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार ‘खर्च’ करने पर कुछ प्राप्त होता है उसी प्रकार ‘सुमिरन’ रूपी खर्च से ‘भक्ति की भावना’ व ईश्वर का दर्शन प्राप्त होता है। मुख्य संदेश यह है कि ईश्वर के सुमिरन में लीन रहना चाहिए।

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