Grade -10 previous year board questions(Tatara -Vameero katha)
तताँरा-वामीरो कथा
1. तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि रुढ़ियाँ बंधन बनने लगें तो उन्हें टूट जाना चाहिए।
दो भिन्न गाँवों में विवाह संबंध निषेध के कारण ।
तातारा-वामीरो को प्राण गँवाने पड़े और द्वीप के दो टुकड़े हो गए।
परिणामस्वरूप ये बंधन बन जाने वाली रुढ़ि तोड़ दी गई।
2. तताँरा-वामीरो के त्याग के बाद उनके समाज में क्या सुखद परिवर्तन आया?
उत्तर अन्य गाँवों के लोगों के साथ विवाह न करने की रूढ़ि का टूटना निकोबार के लोगों का एक सूत्र में बंध जाना अलग-अलग गाँव के लोगों में विवाह संबंध होना ।
3. गाँव की रीति के विरुद्ध तताँरा-वामीरो ने क्या कार्य किया और क्यों ? तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर लिखिए। तर्कसंगत उत्तर दें।
कार्य- एक-दूसरे से प्रेम करना
क्यों-
दोनों में ही एक-दूसरे के प्रति प्रेम की अनुभूति, एक सहज समर्पण भाव
प्रेम एक सहज-स्वाभाविक अहसास, जो रीति-रिवाजों, परंपराओं के बंधन से मुक्त
4. ‘तताँरा-वामीरो कथा‘ के आधार पर लिखिए कि ‘पशु पर्व‘ में तताँरा के क्रोधित होने का क्या कारण था?
वामीरो का रुदन और उसकी किसी भी तरह की सहायता न कर पाने की विवशता
विवाह की निषेध परंपरा पर क्षोभ और अपनी असमर्थता पर खीझ
वामीरो की माँ द्वारा गाँव वालों की उपस्थिति में किया जाने वाला अपमान
गाँव के लोगों द्वारा किया गया विरोध
5. परम्पराएँ या मान्यताएँ जब बंधन लगने लगें तो उनका टूट जाना ही क्यों अच्छा है? ‘ततॉरा-वामीरो‘ ने इसके लिए क्या त्याग किया?
कारण
परंपराएँ या मान्यताएँ बंधन बनने लगें तो वे व्यर्थ हो जाती हैं।
सामाजिक विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं।
. इन परंपराओं को तोड़कर ही समाज गतिशील बन सकता है।
त्याग प्रेम का त्याग प्राणों का बलिदान
6.अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की भौगोलिक स्थिति स्पष्ट करते हुए, इसमें आए परिवर्तन का उल्लेख ‘तताँरा-वामीरो कथा‘ पाठ के आधार पर कीजिए।
भौगोलिक स्थिति –
- अंदमान द्वीपसमूह में पोर्ट ब्लेयर से लगभग सौ किलोमीटर दूर स्थित लिटिल अंदमान द्वीप के बाद निकोबार द्वीपसमूह की श्रृंखला आरंभ
- लिटिल अंदमान द्वीप से 96 किलोमीटर दूर निकोबार द्वीपसमूह का पहला द्वीप कार -निकोबार
- परिवर्तन –
- लोककथा के अनुसार पहले दोनों द्वीप जुड़े हुए, तताँरा के क्रोध के कारण दो भागों में विभक्त
7.‘समाज के लिए अपने जीवन और प्रेम का बलिदान करने वालों को समाज याद रखता है।’
‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
- समाज के लिए किया गया बलिदान व्यर्थ नहीं
- तताँरा-वामीरो के बलिदान से रूढ़िवादी परंपरा का अंत और नई परंपरा का आरंभ
- समाज द्वारा उनके बलिदान को सदैव याद किया जाना
8. ‘क्रोध का परिणाम विनाशकारी होता है।‘ ‘तताँरा-वामीरो कथा‘ के आधार पर सिद्ध कीजिए|
- क्रोध सबके लिए हानिकारक
- तताँरा और वामीरो का बिछड़ना
- द्वीप का दो भागों में विभक्त होना
9,’तताँरा-वामीरो कथा‘ पाठ में मनोरंजन के लिए गाँव वालों द्वारा आयोजित ‘पशु-पर्व‘ का उल्लेख किया गया है। क्या इस प्रकार के पर्व वर्तमान में भी आयोजित किए जाते हैं ? उनके रूप में कालांतर में क्या परिवर्तन आया है?
- हाँ, पशु पर्व जैसे मेले आज भी आयोजित, इनमें पशुओं की खरीद-बिक्री भी, जैसे – पुष्कर का पशु मेला, सोनपुर (हरिहर क्षेत्र) का पशुमेला आदि
- मनोरंजन के लिए अन्य अवसरों पर भी मेलों का आयोजन
- मेलों का भी आधुनिकीकरण
10. ‘रूढ़ियाँ जब बंधन बनकर जीवन को बोझिल बनाने लगती हैं तब उन्हें तोड़ने के लिए लकड़ी की तलवार में भी धरती का सीना चीरने की शक्ति आ जाती है।’ ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर पुष्टि कीजिए। –
- रूढ़ियाँ, अन्याय या अत्याचार सीमा से अधिक हो जाने पर पीड़ित व्यक्ति
- में विद्रोह की भावना
- दृढ़ इच्छाशक्ति से ही साहस और पौरुष का बढ़ना तथा सामान्य साधनों
- से भी परिवर्तन संभव
11.‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ में वैवाहिक संबंध के लिए वर-वधू दोनों का एक ही गाँव का होना आवश्यक बताया गया है। इस संबंध में आपके क्या विचार हैं, स्पष्ट कीजिए।
‘तताँरा-वामीरो कथा’ में यह प्रचलन बताया गया है कि विवाह के लिए वर-वधू दोनों का एक ही गाँव का होना आवश्यक है।
लेकिन मेरे विचार से –
- केवल एक ही गाँव के होने की शर्त अनुचित और अव्यावहारिक है।
- विवाह में सबसे महत्वपूर्ण है आपसी समझ, प्रेम, समानता और संस्कारों का मेल, न कि केवल गाँव का।
- इस तरह की परंपराएँ समाज को सीमित कर देती हैं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर रोक लगाती हैं।
- आज के समय में विवाह का आधार समान सोच, शिक्षा और परस्पर सम्मान होना चाहिए।

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