- मैं यह लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता । (सरल वाक्य में बदलिए ।)
- मेरे भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे। (मिश्र वाक्य में रूपांतरित कीजिए ।)
- अपराध करने पर भी लताड़ कौन सहे ? (रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद लिखिए ।)
- ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते कि मेरे जिगर के टुकड़े-टुकड़े हो जाते । (रचना की दृष्टि वाक्य-भेद लिखिए ।)
- कार्तिक मास के आते ही हवा में ठंडक शुरू हो गई। (संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए|
- सफल खिलाड़ी का कोई निशाना खाली नहीं जाता। (मिश्र वाक्य में बदलिए ।)
- मेरे दरजे में आओगे, तो दाँतों पसीना आ जाएगा। (सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए ।)
- जैसे ही हेनरी सातवें की जगह आठवाँ लिखा वैसे ही सब नंबर गायब ! (रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद लिखिए
- अपनी बात चटपट कहो और अपनी राह लो। (रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद लिखिए ।)
- मैं तुमसे हमेशा पाँच साल बड़ा रहूँगा । (संयुक्त वाक्य में बदलिए ।)
- उत्सव का क्या मतलब है, लड़कियों को समझाया गया। (सरल वाक्य में बदलिए ।)
- दो-तीन बजे कई आदमियों को पकड़ लिया गया। (रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद लिखिए ।)
- वहाँ रहने वाले तताँरा को निकोबारी बेहद प्रेम करते थे। (संयुक्त वाक्य में बदलिए ।)
- जब बिहारी सात-आठ साल के ही थे तभी इनके पिता ओरछा चले आए। (रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद लिखिए ।)
- सुभाष बाबू का जुलूस ठीक चार बजे मोनुमेंट पहुँच गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए ।)
Answer
- मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता ।
- जो मेरे भाई साहब थे/मेरे जो भाई साहब थे वे उपदेश की कला में निपुण थे।
- सरल वाक्य
- मिश्र वाक्य
- कार्तिक मास आया और हवा में ठंडक शुरू हो गई।
- जो सफल खिलाड़ी होता है उसका कोई निशाना खाली नहीं जाता ।
- मेरे दरजे में आने पर दाँतों पसीना आ जाएगा।
- मिश्र वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मैं तुमसे पाँच साल बड़ा हूँ और हमेशा रहूँगा।
- लड़कियों को उत्सव का मतलब समझाया गया।
- सरल वाक्य
- तताँरा निकोबार में / वहाँ रहता था और निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे।
- मिश्र वाक्य
- सुभाष बाबू का जो जुलूस था, वह ठीक चार बजे मोनुमेंट पहुँच गया।

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