1. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1. श्मशान मनुष्य से प्यार के बदले क्या पता है?
उत्तरः श्मशान मनुष्य से प्यार के बदले घृणा पाता है।
2. श्मशान किससे बातें कर रहा है?
उत्तरः श्मशान पहाड़ी से बातें कर रहा है।
3. युवक की पहली पत्नी का नाम लिखिए।
उत्तरः युवक की पहली पत्नी का नाम सुकेशी है।
4. श्मशान सारे दिन किसके शव की प्रतीक्षा करता रहा?
उत्तरः श्मशान सारे दिन युवक के शव की प्रतीक्षा करता रहा।
5. शमशान के मन में वर्षों से किसके प्रेम की अलौकिक धारणा जमी हुई थी?
उत्तरः श्मशान के मन में वर्षों से मनुष्य के अलौकिक प्रेम की धारणा जमी हुई थी।
- पाँच वर्ष में युवक की कितनी पत्नियाँ मर गई?
उत्तरः पाँच वर्ष में युवक की तीन पत्नियाँ मर गई।
7. मनुष्य सबसे अधिक प्रेम किससे करता है?
उत्तरः मनुष्य सबसे अधिक प्रेम अपने आप से करता है।
8. श्मशान कहानी की लेखिका कौन है?
उत्तरः श्मशान कहानी की लेखिका मन्नू भंडारी है।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1. श्मशान ने आह भर कर पहाड़ी से क्या कहा?
उत्तरः श्मशान ने आह भरकर खड़ी पहाड़ी से कहा-मैं इंसान को जितना प्यार करता हूँ, उतना ही उससे घृणा पाता हूँ। सभी मनुष्य यही चाहते है कि कभी उन्हें मेरा मुँह न देखना पड़े। पर वास्तव में मैं इतना बुरा नहीं हूँ। संसार में जब मनुष्य को एक दिन के लिए भी स्थान नहीं रह जाता है, तब मैं उसे अपनी गोद में स्थान देता हूँ। अमीर, गरीब, वृद्ध, बालक सबको मैं सामान दृष्टि से देखता हूँ। पर मेरे पास प्रेम नहीं मुहब्बत का चिराग नहीं। नहीं जानता, खुदा ने मेरे साथ ऐसी बेईमानी का सलूक क्यों किया।
2. मनुष्य के प्रेम के बारे में हर श्मशान के विचार प्रकट कीजिए।
उत्तरः श्मशान की दृष्टि में मनुष्य प्रेम का बहुत महत्वपूर्ण है। वह मनुष्य प्रेम को अलौकिक समझता है। वह मनुष्य के मन में अपने लिए भी थोड़ी जगह बनाना चाहता है। प्रेम को निधि के समान मानता है, जो उसके नसीब में नहीं है। उसका मानना है कि मनुष्य को प्रेम से ही जीवन को परिपूर्णता प्राप्त होती है। उसे अपना जीवन बेकार और निरर्थक लगता है। मनुष्य के पास जैसा प्रेममय हृदय है उसे पाने के लिए वह अपने जैसे सौ जीवन को भी कुर्बान करने के लिए तैयार है।
3. पहली पत्नी की मृत्यु पर युवक किस प्रकार विलाप करने लगा ?
उत्तरः पहली पत्नी की मृत्यु पर युवक राख बटोरकर उसे पकड कर विलाप करने लगा और कहने लगा कि तुम मुझे छोड़ कर कहाँ चली गई सुकेशी? दो वर्षों में ही तुम मुझे अकेला छोड़ कर चली गई। मैं तुम्हारे बिना जीवित नहीं रह सकता हूँ। तुम मुझे अपने पास बुला लो। तुम्हारे बिना यह जीवन व्यर्थ। तुम मेरी प्रेरणा थी। अब मैं जीवित रहकर क्या करूँगा? इसी प्रकार वह रोता रहा और अपना सिर फोड़ता रहा।
4. युवक अपनी तीसरी पत्नी की मृत्यु के उपरांत उसे सबसे अधिक गुनी क्यों समझता है?
उत्तरः युवक अपनी तीसरी पत्नी की मृत्यु के पश्चात उसके पहले वाले रूप में और आज के रूप में कोई अंतर न था। उसकी बातें भी वही थी केवल इतना ही अंतर था कि आज विशेषकर अपनी तीसरी पत्नी ही सबसे अधिक गुनी दिखाई दे रही थी। दावा कर रहा था कि तीसरी पत्नी से ही उसका सच्चा प्रेम था। पहले दो पत्नियों का प्रेम बचपना था। नासमझी थी। पहली पत्नी उसकी अनुगामिनी थी। दूसरी पत्नी सहगामिनी थी। तीसरी पत्नी मेरा पथ-प्रदर्शिका थी। जिसके बिना मैं एक क्षण भी जीवित नहीं रह सकता हूँ।
5. अंतत पहाड़ी ने तरस खाकर आत्म सम्मान से क्या कहा?
उत्तरः तीसरी पत्नी के देहांत पर युवक हुक -हुक कर रो रहा था। मनुष्य के अलौकिक प्रेम को श्मशान अपने हृदय में बड़े यत्न से संजोए बैठा था। श्मशान की हालत देखकर पहाड़ी ने दिलासा देते हुए कहा- जो इंसान प्रेम करता है उसे जीवन भी कम प्यारा नहीं है। मनुष्य जीवन की पूर्णता के लिए और जीवित रहने की ललक में हर दुख और कष्ट को झेल लेता है और वह फिर से प्रेम करता है। क्योंकि मनुष्य केवल अपने आप से अधिक प्रेम करता है।

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