। .एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिएः
1. चन्द्रप्रकाश का फ्लैट कहाँ था?
उत्तरः चन्द प्रकाश का फ्लैट द्वारिका नगर के एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में था।
2. सोसाइटी सभी फ्लैट मालिको में प्रति माह रख-रखाव का कितना खर्च लेती थी?
उत्तरः सोसाइटी सभी फ्लैट मालिको से प्रति माह रख-रखाव का एक हजार रुपए खर्च लेती थी।
3. लक्ष्मीबाई नगर से द्वारका तक के रास्ते में लेखक किन्हें देखते हैं?
उत्तरः लक्ष्मीबाई नगर से द्वारका तक के रास्ते में लेखक ने रेड लाइटों, चौराहे, पुल के पास नंगे-अधनंगे स्त्री-पुरुष, बच्चों को कांपते-ठिठुरते हुए देखते हैं।
4. चन्द्रप्रकाश की पत्नी का नाम क्या है?
उत्तरः चन्द्र प्रकाश की पत्नी का नाम पूनम है।
5. चन्द्रप्रकाश के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति कैसे जीना चाहता है?
उत्तरः चन्द्रप्रकाश के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति सम्मान के साथ चाहता जीना चाहता है।
6. भीख मांगना किसी भी व्यक्ति के लिए क्या है?
उत्तरः भीख मांगना किसी भी व्यक्ति के लिए अपमानजनक होता है।
7. दरवाजा लॉक करते समय चंद्रप्रकाश ने किसका जोडा देखा?
उत्तरः दरवाजा लॉक करते समय चंद्रप्रकाश ने कबूतरों का जोड़ा देखा।
8. चन्द्रप्रकाश की ओर बच्चे किस नजर से देख रहे थे?
उत्तरः चन्द्र प्रकाश की ओर बच्चे आशा और उत्सुकता की नजर से देख रहे थे।
9. चन्द्रप्रकाश ने बच्चों को कितने रुपये देने चाहे?
उत्तरः चन्द्रप्रकाश ने बच्चों को ₹100 देने चाहिए।
10. शीतलहर कहानी के कहानीकार कौन है?
उत्तर: शीतलहर कहानी के कहानीकार जयप्रकाश कर्दम है?
II .निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1. चन्द्रप्रकाश सोसाइटी के फ्लैट में क्यों नहीं रहते थे?
उत्तरः चन्द्रप्रकाश का फ्लैट द्वारका टाउन शिप के एक ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में था जो कि दिल्ली शहर से काफी दूर था यह बहुत कम लोग रहते थे अमरा चन्द्रप्रकाश के पास लक्ष्मीबाई नगर में चार कमरों वाला सरकारी आवास था जो दिल्ली के बीचोबीच था तथा सभी सुविधाएं भी उपलब्ध थीं इसलिए वह अपने फ्लैट में अभी जाना नहीं चाहता था पूरा सेवा निवृत होने तक हुआ लक्ष्मीबाई नगर के सरकारी आवास में ही रहना चाहता था
2. दिल्ली में शीतलहर के प्रकोप का वर्णन कीजिए।
उत्तरः जनवरी के आसपास दिल्ली में शीतलहर का प्रकोप पढ़ाया जाता ही रहता है दिल्ली में करा दें की ठंड थी शरीर के भीतर से पार हो जाने वाली तेज हवा चल रही थी। कई दिन से सूरज नहीं निकल रहा था। दिन में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जा रहा था। के पारा चार डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा रहा था पुन्नाराम कई साल के बाद दिल्ली में इतनी तेज ठंड पड़ रही थी उमरा समूचा उत्तरी भारत शीतलहर की चपेट में था। दिल्ली में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी थी पूरा जगह जगह अल्लाह चलाने की व्यवस्था की गई गरीब लोगों को कंबल बांटे गए और स्कूलों को छुट्टी कर दी गई थी|
3. क्या जिंदगी है इन लोगों की….! चन्द्रप्रकाश के इस उदार पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तरः जब चंद्र प्रकाश की पत्नी सरकारी रैन बसेरों को देखकर उनके प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करती है तब चन्द्र प्रकाश कहते हैं रैन बसेरों में वे रात गुजार सकते हैं जो सुविधा शुल्क दे सकते हैं गरीब लोगों के लिए नहीं है ये रैन बसेरे इनके पास न खाने के लिए है न पहनने के लिए गुंडा कुछ रुका और फिर धीरे से बुदबुदाया क्या जिंदगी है इन लोगों की।
4. चन्द्रप्रकाश अपने फ्लैट में बेघर लोगों को क्यों नहीं रख पाया?
उत्तरः बेघर लोगों को ठंड में देखकर चंद्र प्रकाश को दया आ गई और वह उन लोगों को अपने खाली फ्लैट में रहने देना चाहता था फ़ोन पूरा परंतु उसकी पत्नी ने कहा एक बार फ्लैट में आने के बाद तुम इनको बाहर नहीं निकाल पाओगे उन ग्राम अनजान आदमी का क्या भरोसा है कि वह कैसा निकल जाए उन ग्राम यदि निकल भी जाए तो फ्लैट का सत्यानाश कर देंगे सोसाइटी के सदस्यों ने भी विरोध किया कुंडा इसलिए चन्द्रप्रकाश चाहते हुए भी उन लोगों को अपना फ्लाइट में नहीं रख पाया
5. चन्द्रप्रकाश का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तरः चन्द्रप्रकाश दिल्ली में निवास करने वाला केंद्र सरकार का अधिकारी था। धान सरकारी आवास मिला हुआ था। अपना एक फ्लैट भी खरीदा था परंतु दूर होने तथा सुविधा विहीन होने के कारण वहाँ नहीं गया चन्द्र प्रकाश की पत्नी पूनम को बहुत चाहता था पूरा बेघर लोगों को रहने के लिए अपना फ्लैट देना चाहता था परंतु पत्नी के समझाने और बुझाने पर सोसायटी के सदस्यों के विरुद्ध के कारण नहीं दे पाया पूरा वे शो भाव से दयालु थे परंतु उनकी कुछ मजबूरी थी हम्म
6. चन्द्रप्रकाश को अपनी विवशता पर क्यों हुआ?
उत्तरः सर्दी में बेघर लोगों को ठिठुरते देख चंद्रप्रकाश का हृदय पिघल गया कुंभ राम व अपना खाली फ्लैट उन्हें रहने के लिए देना चाहता था परंतु उनकी पत्नी के समझाने के बाद और सोसायटी के सदस्यों का विरोध होने के कारण इच्छा होते हुए भी चन्द्रप्रकाश उन गरीब लोगों की मदद नहीं कर पाया हुआ चिंता जताता है कि इतनी भयंकर सर्दी का मुकाबला कैसे करेंगे। उसने बच्चों को ₹100 देने चाहे और कोट की जेब में हाथ डाला लेकिन फिर भी यह सोच कर रुक गया कि ₹100 देने से भी इनका क्या भला होगा रुपया इनको सर्दी से नहीं बचा सकते। की रिन की मदद कैसे करूँ उसे अपनी इस व्यवस्था पर छोड़ हुआ पूरा उसने सोसायटी के पदाधिकारियों पर उतारा यदि सोसाइटी वाले अलाऊ कर दे तो इसमें क्या हर्ज है।

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